Credit Card New Rule: क्रेडिट कार्ड का करते है इस्तेमाल तो हुआ सभी नियमो में हुआ बदलाव, जल्दी से जानिए
credit debit card tokenization
Credit Card New Rule: आज के समय में Credit Card का उपयोग आमतौर पर किया जा रहा है। एडिट कार्ड के उपयोग अगर सावधानी न बरती जाए तो कई बार Credit Card Froud होने की संभावना बनी रहती है। इन सभी समस्याओं को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक में क्रेडिट कार्ड के मामले में कई नियमों में बदलाव किया है। इन बदलावों के संबंध में आपको भी जानना आवश्यक है। कहीं ऐसा ना हो कि आप क्रेडिटकार्ड का उपयोग कर रहे हैं और जानकारी के अभाव में परेशान हो जाएं। आइए जाने क्या हुए हैं बदलाव।
कार्ड अपग्रेड में सहमति
वैसे तो कार्ड अपग्रेड करने का निर्णय जारीकर्ता द्वारा लिया जाता है। लेकिन, अब आरबीआई द्वारा यह नियम लागू किया जा रहा है कि किसी भी प्रकार के अपग्रेड के लिए जारीकर्ता को ग्राहक की स्पष्ट सहमति प्राप्त करनी होगी। यदि सहमति प्राप्त नहीं की जाती है और यदि ग्राहक पर चार्ज लगाए जाते हैं, तो उन्हें रिवर्स करना होगा।
लायबिलटीज या कवरेज
क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंक ग्राहकों को धोखाधड़ियों या कार्ड गुम होने की स्थिति में बीमा प्लान दे सकते हैं। लेकिन इसके लिए ग्राहकों की सहमति आवश्यक है। एक खास स्थिति है कि कार्ड रास्ते में खो जाता है तथा उसका गलत उपयोग किया जाता है। इस प्रकार की स्थिति में होने वाली किसी भी हानि का निपटान बीमा जारीकर्ता की होगी।
चार्ज, रिजेक्शन के नियम और शर्त
आरबीआई द्वारा बताया गया है कि किसी भी स्थिति में ब्याज दरों जैसे रिटेल चार्ज, बैलेंस ट्रांसफर, या देरी से भुगतान के बारे में जारीकर्ता को सूवित करना होगा। साथ ही बताया गया है कि किसी भी प्रकार के चार्ज को बढ़ाए जाने की स्थिति में ग्राहक को एक महीने का एडवांस नोटिस देना होगा। ग्राहक को यदि नए चार्ज सही नहीं लगते हैं, तो उसे कार्ड को सरेंडर कर सकता है।
न्यूनतम देय राशि
बैकिंग रेगुलेटर ने जारीकर्ताओं से ग्राहकों को न्यूनतम देय राशि के बारे में बताया गया है कि यह कार्ड पर देय कुल राशि का 5 प्रतिशत होता है। आरबीआई चाहता है कि यह जानकारी बिल पेमेंट में दिखाई दे। इससे कार्डधरकों को सतत जानकारी मिलती रहेगी।