LIC IPO: मार्च में आने वाला है देश का सबसे बड़ा आईपीओ, जानिए क्या है अपडेट्स
सरकार की तरफ से LIC का IPO मार्च तक लाया जाएगा। आपको बता दे इसको मंजूरी दिलाने के लिए बाजार नियामक सेबी के समक्ष जनवरी लास्ट तक इस संबंध में मसौदा जारी करेगी. अधिकारियों के अनुसार LIC के वर्ष 2021 के जुलाई से सितंबर तक के महीनों के वित्तीय आंकड़े को अभी अंतिम रूप दिया जा रहा है. इतना ही नहीं फंड विभाजन की प्रक्रिया अभी जारी है. संबंधित अधिकारियों के अनुसार उन्हें उम्मीद है कि इस महीने के लास्ट तक सेबी के IPO संबंधी मसौदा प्रस्ताव पेश किया जाएगा. एक बात तो तय है कि चालू वित्त वर्ष के आखिर समय तक LIC का IPO आ जाएगा.
काफी अहम है ये IPO
आपको बता दें कि एलआईसी का आईपीओ इस बार चालू वित्त वर्ष के बहुत अहम माना जाएगा, इसका प्रमुख कारण है 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य की प्राप्ति करना. मिल रही जकरी के अनुसार अभी तक सरकार की तरफ से बहुत से सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से मात्र 9,330 करोड़ रुपये ही इकट्ठा हो पाए है.
सितंबर में नियुक्त किये गए 10 मर्चेंट बैंकर
सरकार की टफ से पिछले वर्ष सितंबर के महीने में एलआईसी की इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग को पूरा कराने के लिए 10 मर्चेंट बैंकरों को नियुक्ति दी गई थी. इनमें शामिल हैं; गोल्डमैन सैक्स, सिटीग्रुप और नोमुरा जैसे मर्चेन्ट बैंकर. लीगल एडवाइसर तौर पर सरकार की तरफ से सिरिल अमरचंद मंगलदास को नामित किया गया.
बहुत जोरों से की जा रही है तैयारियां
लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन कंपनी की इस वृहद IPO की तैयारी बहुत जोर-शोर से की जा रही है. इतना ही नहीं विदेशी निवेशकों को लुभाने के लिए सरकार की तरफ से FDI की पॉलिसी में बदलाव किया जा सकता है. सरकार किसी भी कीमत पर इस तिमाही में LIC IPO को लाना चाहती है. विश्लेषको की माने तो बीमा क्षेत्र में FDI की लिमिट है 74 %, जो कि लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन के लिए लागू नहीं की जाती है.
टाइम्स ऑफ इंडिया में आयी एक रिपोर्ट के अनुसार बीमा क्षेत्र के लिए FDI की वर्तमान पॉलिसी लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन के विनिवेश की प्रक्रिया में सहायक नहीं होगी. ऐसे में ये जरूरी है कि फॉरन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट पॉलिसी में बदलाव किया जाए क्योंकि LIC का IPO इन्ही पॉलिसियों पर निर्भर है.
इस सिलसिले में दो अहम बैठक की जा चुकी है। बैठक के बाद DFS, DPIIT, DIPAM में आपसी सहमति भी बन चुकी है.