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Economy: कोर सेक्टर में तेजी, बिजली और कोयला उत्पादन बना कारण
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अप्रैल 2022 में कोयले की किल्लत से बिजली उत्पादन प्रभावित होने लगा। कई थर्मल पावर कि कई यूनिटी बंद हो गई। ऐसे में सरकार कोयला उत्पादन को बढ़ावा देने में जुट गया। परिणाम यह हुआ कि कोर सेक्टर में भी तेजी देखने को मिला। केवल स्टील और कच्चा तेल में गिरावट देखी गई। कोर सेक्टर में 8 तहर के उद्योगों को शामिल किया गया है।
क्या है कोर सेक्टर
हम बता रहे हैं कि अप्रैल के महीने में कोर सेक्टर में तेजी देखी गई। आखिर यह कोर सेक्टर है क्या सबसे पहले इसे समझने की आवश्यकता है। कोर सेक्टर में 8 तरह के उद्योगों को शामिल किया गया है। जिसमें कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, पैट्रोलियम रिफायनरी, फर्टिलाइजर, स्टील, सीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी आते हैं। अब आपको समझ आया होगा कि बिजली की कमी को पूरा करने के लिए कोयले का उत्पादन बढ़ाया गया जिसकी वजह से इन आठ कोर सेक्टर के ऊपर भी बढ़त का असर पड़ा।
कितनी रही बढ़त
जानकारी के अनुसार पहले अप्रैल के महीने में कोर सेक्टर में 62.6 प्रतिशत की ग्रोथ देखी गई। यह लो बेस इफ़ेक्ट की वजह से था। कुल मिलाकर कोयले की वजह से कोर सेक्टर में 10 प्रतिशत से ज्यादा वेटेज रहा। अप्रैल के दौरान यह 28.8 प्रतिशत बढ़ा। वही नेचुरल गैस का उत्पादन 6.4 प्रतिशत, पैट्रोलियम रिफायनरी प्रोडक्ट में 9.2 प्रतिशत, फर्टिलाइजर उत्पादन में 8.7 प्रतिशत, सीमेंट सेक्टर में 8 प्रतिशत और बिजली उत्पादन में 11 प्रतिशत की बढ़त रही।
यहां रही गिरावट
अप्रैल 2022 में कच्चे तेल और स्टील में गिरावट दर्ज की गई गया। लेकिन यह गिरावट सीमित रही। जानकारी के अनुसार कच्चे तेल के उत्पादन में 0.9 दहशत तथा स्टील के उत्पादन में 0.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी।
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