Black Pepper Cultivation: किसान शुरू करें काली मिर्च की खेती, 1 एकड़ में होगा 5 से 7 लाख का मुनाफा, जानिए!
मनी
Black Pepper Cultivation: हमारे देश के कई प्रांत ऐसे हैं जहां मसाले की खेती की जाये तो किसानों को काफी मुनाफा होता है। आज हम काली मिर्च की खेती के सम्बंध में चर्चा करने जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के एक किसान रामप्रताप बताते हैं कि काली मिर्च की खेती कर किसान अपनी आमदनी चौगुनी कर चुके है। इसमें एक एकड में करीबी 5 से 7 लाख रूपये तक की आमदनी प्राप्त होती है। जानकारी के अनुसार काली मिर्च का उपयोग दवाओं के साथ मसाले में किया जाता है। आज देश के कई राज्यो में काली मिर्च की खेती हो रही है। कई किसान तो अब समूह बनाकर इसकी खेती कर रहे हैं। एसे में सहयोग के साथ ही सभी को पर्याप्त आमदनी होती है।
इतना होता है मुनाफा
एक एकड़ में काली मिर्च की खेती करने पर किसानो को करीब 5 से 7 लाख रूपये प्राप्त होते हैं। एक अनुमान के मुताबिक काली मिर्च का एक पौधा 15 से 20 हजार रूपये की उपज देता है।
काली मिर्च का उपयोग
काली मिर्च का उपयोग सब्जी में मसाले के रूप में किया जाता है। तो वहीं इसका उपयोग दवाइयों में भी किया जाता है। सबसे ज्यादा आयुर्वेदिक दवा बानाने में काली मिर्च का आवाश्यकता होती है। ऐसे में काली मिर्च की मांग देश ही नहीं विदेशों में भी है।
यहां होती है सबसे ज्यादा खेती
काली मिर्च की खेती के लिए सामान्य तौर पर 10 से 50 डिग्री सेल्सियस उपयुक्त है। काली मिर्च की खेती सबसे ज्यादा केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु हो रही है। वहीं धीरे-धीरे अब महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत कई अन्य राज्यों में इसकी खेती किसान कर रहे हैं।
कम आती है लागत
काली मिर्च की खेती के सम्बंध बताया जाता है कि इसमें लागत कम आती है। वहीं एक बार काली मिर्च का पौधा लगाने के बाद वह काफी समय तक पैदावार देता है। वहीं बताया गया है कि काली मिर्च का पौधा जितना पुराना होता है उसमें लागत कम और आमदनी ज्यादा होती है।
समूह में किसान कर रहे काम
जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ के किसान रामप्रताप बातते है कि उन्होने काली मिर्च की खेती की शुरूआत की है। इसे बाद हो रहे लाभ से प्रेरित होकर अन्य किसान भी काली मिर्च की खेती करने के इच्छा जाहिर की। रामप्रताप बताते हैं कि इस समय कई किसानों का समूह मिलकर काली मिर्च की खेती कर रहा है।
जब एक ही फसल की खेती ज्यादा किसान करने लगते हैं तो बजार उनके खेत तक पहुंच जाता है। कई दवा बनाने वाली कम्पनियों से लेकर कई बडे़ व्यापारी सम्पर्क करते हैं। वह किसानों को उचित दाम उनके खेत में फसल तैयार होने के बाद देते है। वहीं बताते हैं कि एक बार इन कम्पनियों से सम्पर्क होने के बाद वह एडवांस में भी पैसा देते है। बाद में फसल आने के बाद पैसा काट कर भुगतान कर दिया जाता है।