Bitcoin Mining: बिना खरीदे बने बिटकॉइन इन्वेस्टर, जानें माइनिंग के बारे में डिटेल्स
Cryptocurrency
Bitcoin Mining in hindi: वर्ष 2021 में भारत सहित पूरी दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) ने काफी महत्वपूर्ण जगह बनाई. भारत देश में बीते दो सालों में क्रिप्टोकरेंसी बाजार (cryptocurrency market) से लाखों निवेशक जुड़े. बीते वर्ष क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन मेनस्ट्रीम का हिस्सा बन रहे, लेकिन ये एक नया कॉन्सेप्ट है जो अभी भी बहुत से लोगों को कन्फ्यूज कर रहा है. क्रिप्टो इकोसिस्टम एक वर्चुअल वर्ल्ड है, लेकिन ये चलती है रियल वैल्यू पर. अब आप बिना खरीदे भी बिटकॉइन के मालिक बन सकते हैं, कैसे? माइनिंग से. जी हाँ! चलिए आपको बताते है क्या है बिटकॉइन माइनिंग और इससे जुड़े दूसरे पहलू:
क्या है माइनिंग?
बिटकॉइन माइनिंग एक ऐसी क्रिया है जिसमें डिजिटल कॉइन को बिना खरीदे प्राप्त किया ज सकता है. माइनिंग के माध्यम से नई बिटकॉइन तैयार की जा सकती है, जिसका युज बिटकॉइन के लेनदेन में किया जा सकता है इसके साथ साथ इसे ब्लॉकचेन के लेजर से भी जोड़ा जा सकता है. दुनिया की सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की माइनिंग करना और बिटकॉइन स्टोर करना कोई कठिन काम नहीं. माइनिंग करने के लिए आपको इस्तेमाल करना होगा ब्लॉकचेन तकनीक का. आपको बस माइनिंग क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन को हल करना है और प्राप्त करना है क्रिप्टोकरेंसी. इसके लिए उच्च क्षमता वाले कंप्यूटर होने चाहिए. अगर उकक क्षमता वाले कंप्यूटर है तो कोई भी बिटकॉइन माइनिंग कर सकता. माइनिंग करने के लिए पर्याप्त एलेक्ट्रिसिटी की आपूर्ति भी होनी चाहिए.
कैसे करें बिटकॉइन माइनिंग (how to do bitcoin mining)?
बिटकॉइन माइनिंग एक टेक्निकल प्रोसेस है और इसमें ज्यादा प्रोसेसिंग पॉवर की आवश्यकता होती है. कंप्यूटर की प्रोसेसिंग पॉवर जितनी अधिक होगी, माइनिंग भी उतनी ही बेहतर तरीके से की सकेगी. माइनिंग के लिए बहुत ज्यादा बिजली की आवश्यकता होती है. सिस्टम ज्यादा ओवरहीट न करे इससे बचने के लिए सिस्टम को समय समय पर कूल भी करना पड़ता है. बिटकॉइन माइनिंग या क्रिप्टो माइनिंग का अर्थ है पजल्स को सॉल्व करना और या बिटकॉइन बनाना। क्रिप्टोकरंसी के संदर्भ में कॉइन भेजने वाले सेंडर उसे रिसीव करने वाले रिसीवर के मध्य कोई बैंक नहीं होता है, सिर्फ कंप्यूटर्स का काम होता हैं। कुछ लोगों द्वारा इन कंप्यूटर्स को ऑपरेट किया जाता है, जो हर ट्रांजेक्शन वैलिडेट करते है। इसके बदले उन्हें बिटकॉइन मिलते हैं। इसी को ही बिटकॉइन माइनिंग कहा जाता हैं।