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Apollo Tyres share price: डोमेस्टिक डिमांड में सुधार होने से अपोलो टायर्स को होगा शानदार फायदा

Shailja Mishra | रीवा रियासत
20 Jun 2022 3:41 PM IST
Updated: 2022-06-20 10:13:01
Apollo Tyres share price: डोमेस्टिक डिमांड में सुधार होने से अपोलो टायर्स को होगा शानदार फायदा
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Apollo Tyres Stock Price: ब्रोकरेज हाउस के अनुसार, ग्लोबल मार्केट और डोमेस्टिक में डिमांड रिकवरी का फायदा कंपनी को होगा।

Apollo Tyres Stock Price: बीते कुछ महीनों से अपोलो टायर्स (Apollo Tyres) के शेयर में करेक्शन चल रहा है। इस साल 17 जनवरी को 52 हफ्तों का नया हाई बनाने के बाद लगातार शेयर में कमजोरी दर्ज की जा रही है। शेयर में इस साल अब तक 24 फ़ीसदी और करीब 30 फ़ीसदी 1 साल के हाई से गिरावट आ चुकी है। काफी लंबे समय से यह शेयर एक दायरे में बना हुआ है। ब्रोकरेज हाउस ने शेयर में मौजूदा भाव से 70 फ़ीसदी से भी अधिक का अनुमान जताया है। ब्रोकरेज हाउस (Brokerage house) के अनुसार, ग्लोबल मार्केट और डोमेस्टिक में डिमांड रिकवरी का फायदा कंपनी को होगा।

ब्रोकरेज हाउस ने शेयर में निवेश की दी सलाह

अपोलो टायर्स (Apollo Tyres) का EU या भारत में कैपेक्स एक्सपेंशन का प्लान नहीं है। शानदार RoCEs पर फोकस है। जून 2022 में कंपनी ने भारत और EU में 3-4%/8-9% प्राइस हाइक किया था, जिसका फायदा आगे मिलेगा। आईसीवी सेग्मेंट और टिपर में डिमांड पिकअप कर रहा है। कंपनी की कैपेसिटी यूटिलाइजेशन की क्षमता में ग्रोथ हुई है। कंपनी को FY23-FY24E में शानदार ग्रोथ का अनुमान लगाया जा रहा है। ब्रोकरेज हाउस के शेयर में निवेश करने की सलाह दी है और इसके साथ ही ₹305 का टारगेट प्राइस भी दिया है। फिलहाल ₹176 करंट प्राइस के लिहाज से इसमें 73 फीसदी रिटर्न का अनुमान लगाया जा रहा है।

ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार

ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज (Brokerage House ICICI Securities) की रिपोर्ट के अनुसार अपोलो टायर्स का FY26 तक 15 फ़ीसदी EBITDA मार्जिन के साथ रेवेन्यू टारगेट 500 करोड डॉलर का है। इसमें 300-350 करोड़ डॉलर का इंडिया आपरेशंस से रेवेन्यू टारगेट है। जबकि EU आपरेशंस से रेवेन्यू टारगेट 150 करोड़ डॉलर का है।

ब्रोकरेज के अनुसार

ब्रोकरेज के अनुसार डॉमेस्टिक डिमांड (Domestic Demand) में लगातार सुधार हो रहा है। वहीं अपोलो टायर्स को यह भी उम्मीद है कि रिप्लेसमेंट डिमांड में सुधार होगा जिससे कंपनी को मार्केट शेयर बढ़ाने में सहायता मिलेगी। कंपनी अलग-अलग प्लांट में कैपेसिटी बढ़ाने पर भी फोकस कर रही है।

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