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किसी भी महिला या पुरुष को ऐसे कर सकते है सम्मोहित, ये है खास टोटका, इसके बारे में जान हिल जाएगा दिमाग
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सम्मोहन के कई टोटके प्रचलन में हैं। लेकिन इससे पहले हमें यह जानना आवाश्यक है कि सम्मोहन है क्या। वैसे तो सम्मोहन का नाम ही उसके गुणों को प्रदर्शित करता है। किसी को अपनी ओर आकर्शित करना ही सम्मोहन है। मान, सम्मान और पद-प्रतिष्ठा की चाहत रखने वाले लोग यह चाहते हैं लोग उनकी ओर आकर्शित हों। ऐसी चाहत कई बार समाज की सेवा करने वाले लेगों में देखी जाती है। आज हम सम्मोहन के सम्बंध में चर्चा करेंगे।
क्या है सम्मोहन
सम्मोहन एक ऐसी विधा है जिसे जानने वाला इस विधा में काफी काफी पारंगत होता है। अगर वह पारंगत नही है तो वह सम्मोहन के द्वारा सम्मोहित किये हुए व्यक्ति को कई बार नुक्सान भी पहुंचता है।
सम्मोहन विधा के द्वारा चेतन मन को अवचेतन मन का गुलाम बनाया जाता है। वह अवचेतन मन के बतई बातो के पूर्ण रूपेण स्वीकार करता है। उससे मनचाहा कार्य करवा सकता है। काई बार तो यह भी देखा गया है कि सम्मोहन के द्वारा कई किसी के मन या दिमाग से कई बातों को भुलाया भी जा सकता है। इससे गलत या बुरी आदतो को छुडवाया जाता है।
सम्मोहन एक ऐसी विधा है जिसे करने के पूर्व काफी अध्ययन करना चाहिए। काफी प्रयास के बाद सम्मोहन करने की विधा आती है। बिना सम्मोहन विधा में पारंगत हुए किसी के साथ सम्मोहन नही करना चाहिए। अन्यथा इसके गलत प्रभाव भी पड़ते हैं।
कब करना चाहिए सम्मोहन
- सम्मोहन के माध्यम से कई कार्य भी सिद्ध किये जा सकते हैं। इसे लिए कुछ नियम और तरीके हैं जिनको करने से व्यक्ति देवताओं की कृपा, शुभ और सात्विक कार्य किये जा सकते हैं।
- कहा गया है कि देव कृपा और शुभ तथा सात्विक कार्यों की सिद्धि के लिए अगर सम्मोहन करना है तो इसे पूर्व दिशा की ओर मुह करके करना चाहिए।
- मान प्रतिष्ठा और लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए सम्मोहन पश्चिम दिशा की ओर मुख कर करना चाहिए।
- मानसिक शांति, रोग निवारण तथा एकाग्रता के लिए उत्तर दिशा की ओर मुह कर के करना चाहिए।
- रोग से मुक्ति के लिए सम्मोहन मंगलवार के दिन तथा श्रावण मास में करना चाहिए।
- मां सरस्वती को प्रसन्न कर विद्या प्राप्ति के लिए बुधवार तथा गुरूवार के दिन माघ या फिर फाल्गुन मास में करना चाहिए।
नोट-ः उक्त समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता है। दी गई जानकारी प्रचलित मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। ऐसे में किसी कार्य को शुरू करने के पूर्व विशेषज्ञ से जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें।
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