इस रत्न को पहनने के बाद आप उछलने लगेंगे, होने लगेगा ऐसा कुछ जिसकी कल्पना भी कर पाना मुश्किल होता है
रत्न तो बहुत है लेकिन इनमें से एक ऐसा रत्न है जो बहुत ही चमत्कारिक बताया गया है। साथ ही इस रत्न के संबंध में कहा जाता है कि इसे धारण करने के बाद अपने आप लाभ मिलता है। जी हां हम बात कर रहे हैं मोती नामक रत्न के संबंध में। मोती धारण करने वाले व्यक्ति का मन शांत होता है और दिमाग स्थिर रहता है। जिस व्यक्ति का मन और दिमाग स्थिर होता है वह बहुत ही पराक्रमी कहलाता है।
समुद्र में पाया जाता है मोती
मोती समुद्र की अथाह गहराई में एक छोटी सी सीप में जन्म लेता है। इस बात को सुनने के बाद आपको अवश्य ऐसा लगता होगा कि अथाह गहराई से मोती को कौन निकाल कर लाता है। वैसे तो मोती समुद्र की लहरों से बाहर आ जाता है तो वही मछुआरे जब मछली पकड़ने के लिए जाल फेंकते हैं तो उसी में तैरती हुई सीप फसकर बाहर आ जाती है। और तब मिल जाता है वह अनमोल मोती।
डुप्लीकेसी से बचें
मोती के संबंध में हम यह इसलिए बता रहे हैं क्योंकि मोती सहज ही नहीं प्राप्त होती। आज के समय में जो भी चीजें सहज ढंग से प्राप्त नहीं होती है उनमें डुप्लीकेसी अवश्य होती है। कोई भी रत्न तभी लाभ पहुंचाएगा जब वह शुद्ध होगा। मोती खरीदते समय शुद्धता की जांच अवश्य कर लें।
मोती धारण करने के नियम
- मोती चंद्र ग्रह का प्रतिनिधि बताया गया है। मोती धारण करने वाले व्यक्ति मे चंद्र ग्रह मजबूत होता है तो वही इसके प्रभाव से उसके कार्यों में आ रही रुकावटें दूर होती हैं।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कर्क राशि के जातकों को मोती धारण करना चाहिए।
- अगर किसी की कुंडली में चंद्रमा कमजोर है तो उसका मन अशांत रहेगा। ऐसे में व्यक्ति को मोती धारण करना चाहिए।
- जिस व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा की महादशा होती है उसे मोती पहनने की सलाह दी जाती है।
- अगर कुंडली में चंद्रमा के होने या सूर्य के साथ होने की जानकारी ज्योतिष आचार्य द्वारा दी जा रही है तो वहां मोती धारण करना चाहिए।
- मोती को हाथ की सबसे छोटी उंगली में चांदी की अंगूठी में बनवाकर पहनना चाहिए।
- इसे धारण करने का सबसे उपयुक्त समय शुक्ल पक्ष का सोमवार है। साथ ही इसे पूर्णिमा के दिन भी धारण किया जा सकता है।
- इस रत्न को धारण करने के पूर्व गंगाजल से धोएं और शिवजी को अर्पित कर दें इसके बाद धारण करें।