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हिमाचल में 22 बैंकों के किसानों के पास फंसे 77 करोड़ रुपए, नहीं हो पा रही वसूली

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत
16 May 2022 11:00 PM
Updated: 16 May 2022 11:01 PM
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खेती से ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में हिमाचल प्रदेश के किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से जमकर बैंकों से पैसा निकाला

खेती से ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में हिमाचल प्रदेश के किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से जमकर बैंकों से पैसा निकाला। लेकिन उस पैसे का खेती में उपयोग कर किसान आमदनी नहीं कमा पाए। दिनोंदिन बैंक का कर्ज बढ़ता गया आज किसान की हालत यह हो गई है कि हिमाचल प्रदेश के 22 बैंकों के 77 करोड़ों रुपए किसानों के पास फंसे हुए हैं। यह पैसे किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के बाद किसानों को खेती करने के लिए वितरित किया गया था।

कर्ज में अन्नदाता

जानकारी के अनुसार राज्य के 436231 किसानो एडिट कार्ड बनवाए गए। जिसमें 7719.19 करोड़ रुपए बैंकों को किसानों से केसीसी के वसूल करने हैं। किसानों को यह कर्ज 4 प्रतिशत ब्याज की दर पर दिया जाता है। किसानों ने अपने किसानी को आगे बढ़ाने के लिए कर्ज पर कर्ज लेते गए। आज हालत यह है कि उनके पास अब अपनी जमीन बचाने के लाले पड़ने लगे।

किस बैंक के कितने हैं कर्जदार

पंजाब नेशनल बैंक 9467

एसबीआई 5338

आईसीआईसीआई 4908

राज्य सहकारी बैंक 3530

हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक 2716

यूको बैंक 2496

जोगिद्रा बैंक 807

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 316

बैंक आफ इंडिया 219

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 188

केनरा बैंक 164

आईडीबीआई बैंक 121

बैंक ऑफ बड़ौदा 42

पंजाब एंड सिंध बैंक 22

इंडियन बैंक 16

इंडियन ओवरसीज बैंक 14

महाराष्ट्र 2

दिए गए बैंकों के नाम के सामने लिखी गई संख्या एनपीए घोषित हुए किसानों की संख्या है। अब बैंक एनपीए कर डिफाल्टर घोषित कर चुकी है। राजस्व रिकॉर्ड में डिफाल्टर एंट्री हो चुकी।

एनपीए होने का कारण

हिमाचल प्रदेश के एनपीए हुए किसानों के संबंध में जांच रिपोर्ट कहती है कि केसीसी के माध्यम से लिया गया कर्ज वक्त पर किसान अदा नहीं कर सकते तब उन्हें एनपीए घोषित किया जाता है। जिसका प्रमुख कारण फसल तैयार ना होना। इसमें प्राकृतिक आपदा है। जिसकी वजह से कि किसान समय बैंकों से लिया कर्ज चुकता नही कर पाते है।

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