52 वर्षीय सौमिक दास एक खास पौधे से हर साल कमाते हैं 40 लाख रूपए, आप भी कर सकते हैं यह बिज़नेस, जानिए
Bonsai Plant Business: हमारे आसपास के वातावरण में कुछ खास पौधे उपस्थित होते हैं। जिनसे हम लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं। ऐसे ही एक पौधे से 52 वर्षीय सौमिक दास ने खूब कमाई की। उन्हें पहली बार 1990 के दशक की शुरुआत में दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एक बागवानी उत्सव में बोन्साई पौधों (bonsai plants) को देखने का मौका मिला। जब दास ने उस पौधें के पास जाकर छूने की कोशिश की तब माली ने कीमती पौधें बताते हुए रोक दिया। तब दास ने सोचा इतने महंगे पौधें कौन घर पर लगाना चाहेगा। तो चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि दास ने पौधे से कैसे कमाई शुरू की।
बागवानी समारोहों में किया काम का प्रदर्शन
दास के पास एक समय में 200 पौधे थे। इससे उन्हें भारतीय बोन्साई एसोसिएशन के प्रति अपनी रुचि की वास्तविकता साबित करने में मदद मिली, उन्हें 2010 में एक सदस्य के रूप में स्वीकार किया। दास के अनुसार वे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और अन्य मेट्रो शहरों में बागवानों का एक नेटवर्क स्थापित करना चाहते थे। दास ने देशभर में बागवानी समारोहों में अपने काम का प्रदर्शन करना प्रारंभ किया।
दास ने बनाई अपनी नई पहचान
दास दक्षिण एशिया बोनसाई संघ के लिए एक राजदूत के रूप में भी काम करते हैं। दास ने भारत के बागवानी समुदाय में काफी पहचान बनाईं है। दास बताते हैं कि उनकी सेल्फ लर्निंग विशेषज्ञता थी। जो उन्हें अपने बिजनेस का रास्ता शुरू करने में सक्षम बनाया।
कमी नहीं थी मनोंबल तोड़ने वालो की
दास के दोस्तों और रिश्तेदारों ने कहा कि यह काम बेकार का है। उसने 2018 के अंत में एक बिजनेस शुरू करने को कहा मगर ग्रो ग्रीन बोन्साई अगले वर्ष तक चलता रहा। मगर कामयाबी के बाद वे अब रसदार फल, कैक्टस और अन्य विदेशी पौधों की खेती और बिक्री भी करते हैं। दास का एकमात्र लक्ष्य पौधों के शौकीनों के बीच बोन्साई के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
ग्रो ग्रीन बोन्साई अन्य नर्सरी से है अलग
दास का मानना हैं, कि ग्रो ग्रीन बोन्साई अन्य समान नर्सरी से अलग है, क्योंकि इसका ध्यान पेनजिंग आर्किटेक्चर पर है। ग्रो ग्रीन बोन्साई फार्म, जो नोएडा एक्सप्रेसवे के साथ 4,000 वर्ग गज में फैला हुआ है, जो एक हरियाली की खुशबू फैला रहा है।
सालाना कितनी है कमाई ?
बोन्साई नर्सरी पूरे एनसीआर के घरों तक पहुंचाती है। और काॅर्पोरेट कर्मियों को पौधों को अपने प्रियजनों को घर की सजावट के रूप में उपहार देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इसके एक अच्छे गुलदस्ते की कीमत लगभग 1,500 रुपए है। जिससे दास सालाना 40 लाख तक कमाते हैं।