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जब Raaj Kumar का नाम सुनते ही कांपने लगे Rajinikanth, इस फिल्म में साथ काम करने से कर दिया था इंकार
हर फिल्म की कहानी जोकि पर्दे पर दिखाई जाती है वो बेहद मनोरंजक होती है लेकिन जब फिल्म बनाई जाती है तो फिल्म के मेकर्स से लेकर अभिनेता के बीच जो तकरार होती है इससे शायद बेहद काम लोग की वाकिफ होते है तो चलिए जानते है तिरंगा फिल्म के दौरान फिल्म मेकर्स के सामने ऐसी कौन सी दिक्कतें आई थी जिसके चलते इन्होंने अपना सर तक पकड़ लिया था।
फिल्म में Raaj Kumar का रोल तो फाइनल कर लिया गया था लेकिन पुलिस इंस्पेक्टर के शिवाजी राव वागले के रोल के लिए उन्हे अभिनेता की तलाश थी। राज साहब के रौबीले और अनुशासित व्यक्तित्व के होने के कारण कई एक्टर उनके साथ काम करने के लिए राजी न थे। इंस्पेक्टर शिवाजी राव वागले के रोल के लिए जिसको कहानी सुनाई जाती वो झट से ना कर देता।
सबसे पहले मेहुल नसरुद्दीन शाह के पास पहुंचे उन्होंने कहा- मेहुल भाई मुझे इस रोल से कोई प्रॉब्लम नहीं है। लेकिन वो राज साहब के साथ तो हरगिज़ काम नहीं करेंगे।इसके बाद रजनीकांत से इस रोल के बारे में चर्चा की गई । इन्होंने कहानी सुनने के बाद जवाब दिया कि आपने किरदार को मेरा ही असली नाम शिवाजीराव दिया है, लेकिन मुझे इससे एक ही दिक्कत है कि मैं राज साहब के साथ कैसे काम कर सकता हूं ?अगर सेट पर कुछ टेंशन हो गई ,तो क्या होगा। आप मुझे माफ कर दो।नाना साहब को फोन किया, तब उन्होंने ये कहते हुए फिल्म करने से मना कर दिया कि वो कमर्शियल फिल्में नहीं करते.
खैर जैसे-तैसे मेहुल उन्हे राजी कर ही लिया।और राज साहब को फोन करके इसकी खबर दी कि वागले फाइनल हो गया है। उन्होंने पूछा ये रोल कौन कर रहा है ? तो मैंने बताया 'नाना पाटेकर' वो कहने लगे' अरे मेहुल तुम्हारा दिमाग तो ठीक है, ना सुना है कि वो सेट पर बहुत गाली गलौज दिया करता है। मैंने कहा -राज साहब मैंने सारी चीजें तय कर ली है। बस उनका यही कहना है कि 'राज साहब सेट पर उनसे किसी भी तरह का इंटरफेरेंस ना करें',नहीं तो वो सेट छोड़कर चले जाएंगे। इस पर राज साहब का कहना था 'मेहुल! गो अहेड। इसके बाद फिल्म छह महीने में पूरी हो गई और बॉक्स ऑफिस पर ये फिल्म सुपरहिट भी साबित हुई।