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'Sikandar' Movie Review: सलमान खान की फिल्म में लॉजिक की कमी, स्टारकास्ट की ओवरएक्टिंग; कहानी में भी नहीं है दम

Sikandar Movie Review: सलमान खान की फिल्म में लॉजिक की कमी, स्टारकास्ट की ओवरएक्टिंग; कहानी में भी नहीं है दम
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सलमान खान और रश्मिका मंदाना स्टारर 'सिकंदर' 31 मार्च को रिलीज हो रही है। फिल्म देखने से पहले पढ़ें इसका विस्तृत रिव्यू, जिसमें कहानी, कलाकारों की परफॉर्मेंस, डायरेक्शन और म्यूजिक का विश्लेषण किया गया है।

'Sikandar' Movie Review in Hindi: ईद के मौके पर सलमान खान अपने फैंस के लिए फिर एक एक्शन पैक फिल्म लेकर आएं हैं। सलमान खान की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'सिकंदर' 31 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। एआर मुरुगदास की फिल्म 'सिकंदर' देखने से पहले पढ़ें इसका विस्तृत रिव्यू, जिसमें कहानी, कलाकारों की परफॉर्मेंस, डायरेक्शन और म्यूजिक का विश्लेषण किया गया है।

'Sikandar' Movie Storyline in Hindi

फिल्म 'सिकंदर' की कहानी राजकोट के लोकप्रिय राजा संजय (सलमान खान) के इर्द-गिर्द घूमती है, जिन्हें वहां की जनता भगवान मानती है। फिल्म की शुरुआत में एक मंत्री के बिगड़ैल बेटे अर्जुन (प्रतीक बब्बर) को फ्लाइट में एक महिला के साथ दुर्व्यवहार करते हुए दिखाया जाता है। संजय मौके पर पहुंचकर अर्जुन को सबक सिखाता है, जिससे अर्जुन अपमानित महसूस करता है और संजय से बदला लेने की ठान लेता है। इस बदले की आग में मंत्री के गुंडे संजय के पीछे पड़ जाते हैं।

इस दुश्मनी के चलते संजय अपनी पत्नी साईंश्री (रश्मिका मंदाना) को खो देता है। मरने से पहले साईंश्री अपने अंगदान करती है, जिससे तीन अलग-अलग लोगों की जान बच जाती है। कहानी में नया मोड़ तब आता है जब मंत्री के गुंडे उन तीन लोगों की तलाश में जुट जाते हैं जिन्हें साईंश्री के अंग मिले हैं। अपनी पत्नी की मौत का बदला लेने और उन तीन अनजान लोगों की जान बचाने के लिए संजय राजकोट से मुंबई का सफर तय करता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि संजय उन तीन लोगों को कैसे ढूंढ पाएगा, मंत्री उन्हें क्यों मारना चाहता है और क्या संजय उन्हें बचाने में सफल होगा? इसी रहस्य और एक्शन के साथ फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है।

सिकंदर मूवी स्टारकास्ट

  • सलमान खान: संजय "सिकंदर" राजकोट के रूप में
  • रश्मिका मंदाना: संजय की पत्नी सैश्री राजकोट के रूप में
  • काजल अग्रवाल: वैदेही रंगा के रूप में
  • सत्यराज: मंत्री प्रधान के रूप में
  • शरमन जोशी: अमर, संजय के सहयोगी के रूप में
  • प्रतीक बब्बर: अर्जुन प्रधान के रूप में
  • अंजिनी धवन: निशा के रूप में
  • किशोर: इंस्पेक्टर प्रकाश के रूप में
  • जतिन सरना: डी नीरो, एक टैक्सी ड्राइवर के रूप में
  • संजय कपूर: निशा के पिता के रूप में
  • नवाब शाह: विराट बख्शी के रूप में

कलाकारों का अभिनय: सलमान का एक्शन, बाकी कलाकारों का साधारण प्रदर्शन

फिल्म में संजय का किरदार निभा रहे सलमान खान अपने चिर-परिचित अंदाज में नजर आए हैं। उन्होंने एक्शन दृश्यों में भरपूर दमखम दिखाया है, जो उनके प्रशंसकों को पसंद आ सकता है। हालांकि, उनके हास्य और कुछ कॉमेडी डायलॉग दर्शकों को हंसाने में खास सफल नहीं रहे हैं। वहीं, उनके भावनात्मक संवाद भी गहराई छूने में कमजोर लगते हैं। रश्मिका मंदाना को फिल्म में कम स्क्रीनटाइम मिला है, लेकिन उन्होंने अपनी भूमिका को ठीक-ठाक निभाया है। कास्टिंग की बात करें तो शरमन जोशी अपने किरदार में कुछ खास प्रभावी नहीं लगे। प्रतीक बब्बर, सत्यराज और किशोर कुमार जी ने भी कुछ दृश्यों में अतिरिक्त प्रयास किया है, जो कई बार शक्तिशाली दिखने के बजाय ओवर-ड्रामेटिक लगता है।

निर्देशन और कहानी: कमजोर पटकथा और दिशाहीनता

इस फिल्म के लेखक और निर्देशक एआर मुरुगदास से दर्शकों को काफी उम्मीदें थीं, लेकिन 'सिकंदर' उनकी अब तक की सबसे कमजोर फिल्मों में से एक मानी जा सकती है। फिल्म की कहानी में शुरुआत से लेकर अंत तक कई बड़ी कमियां नजर आती हैं। पटकथा में भी कई गलतियां स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं, जो फिल्म के प्रवाह को बाधित करती हैं। फिल्म में कई ऐसे दृश्य हैं जिन्हें सिर्फ कहानी को खींचने और समय बढ़ाने के लिए डाला गया है। उनके बिना भी फिल्म की कहानी पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता। फिल्म में भावनाओं और तर्क की कमी के कारण दर्शक फिल्म से आसानी से कनेक्ट नहीं कर पाएंगे।

संगीत: सलमान की फिल्मों का कमजोर पहलू

आमतौर पर सलमान खान की फिल्मों की पहचान उनके दमदार गाने और लोकप्रिय संगीत होते हैं, लेकिन 'सिकंदर' के मामले में संगीत निराश करता है। फिल्म के गाने दर्शकों को प्रभावित करने में विफल रहे हैं। कुछ दृश्यों में बैकग्राउंड स्कोर जरूर ठीक है, लेकिन वह भी दर्शकों के मन में कोई खास छाप नहीं छोड़ पाता है। कुल मिलाकर, फिल्म का संगीत कमजोर है, जो सलमान खान की फिल्मों की एक महत्वपूर्ण विशेषता मानी जाती है।

फिल्म देखें या नहीं? अंतिम फैसला

अगर आप सलमान खान के बहुत बड़े प्रशंसक हैं और उन्हें बड़े पर्दे पर एक्शन करते हुए और अपने खास अंदाज में देखना चाहते हैं, तो आपको यह फिल्म पसंद आ सकती है। फिल्म में भरपूर एक्शन है और सलमान का स्टाइल उनके फैंस को जरूर आकर्षित करेगा। हालांकि, अगर आप कहानी, मजबूत पटकथा और तर्कसंगत सिनेमा पसंद करते हैं, और अगर आप सलमान खान के डाई-हार्ड फैन नहीं हैं, तो 150 मिनट से अधिक की यह फिल्म आपको बहुत अधिक बोर कर सकती है।

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