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लता जी की श्रद्धांजलि में विवादित हो गए शाहरुख खान! कोई थूकना तो कोई फूकना बता रहा है, आखिर सच क्या है?
Shah Rukh Khan in Lata Mangeshkar Funeral: भारत रत्न लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि देने के बाद बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान विवादों (Bollywood Superstar Shahrukh Khan Controversies) में घिर गए हैं. उन पर आरोप लगाए जा रहें हैं कि उन्होंने श्रद्धांजलि के दौरान थूका है. आइये जानते हैं कि क्या उन्होंने थूका है या फिर दुआ के बाद फूक यानि दम मारा है?
92 वर्ष की उम्र में भारत रत्न एवं सुप्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर का मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में रविवार को निधन हो गया. उन्हें श्रद्धांजलि और अंतिम विदाई देने के लिए मुंबई के शिवाजी पार्क में राजनीतिकों, बॉलीवुड स्टार्स, इंडस्ट्री से जुड़े लोगों, खिलाड़ियों और उद्योगपतियों का तांता लगा रहा. सभी अपने अपने अनुसार लता जी के पार्थिव शरीर के सामने खड़े होकर श्रद्धांजलि दे रहें थें. इस बीच बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख़ खान अपनी मैनेजर पूजा ददलानी के साथ श्रद्धांजलि देने पहुंचे.
आखिर विवाद क्या है?
दरअसल, लता जी को श्रद्धांजलि देते वक़्त शाहरुख़ खान ने दुआ की और उनकी मैनेजर ने हाथ जोड़े. यह तस्वीर लोगों को काफी पसंद आई, सोशल मीडिया में भी शाहरुख और पूजा की इस तस्वीर को काफी सराहा गया है. लेकिन दुआ मांगने के बाद शाहरुख़ ने मास्क हटाकर नीचे की तरफ झुके और फूक मारा, इस फूक को इस्लाम में दम मारना भी कहते हैं. इसके बाद उन्होंने लता जी के चरणों को छुआ. लेकिन उनकी फूक (दम) की तस्वीर सोशल मीडिया में तेजी से वायरल होने लगी, कई लोग उन पर आरोप लगाने लगे कि उन्होंने थूका है...हांलाकि इस पर अभी खान साहब की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन इस पर उन्हें घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है.
क्या है दुआ पढ़ने के बाद दम (फूक) मारना?
इस्लाम में दुआ पढ़ने के बाद अक्सर दम या फूक मारते हुए देखा जाता है. शाहरुख खान ने भी ऐसा ही किया, उन्होंने लता जी की आत्मा की शांति के लिए दुआ मांगी होगी और इसके बाद दम मारा.
इस्लामिक परंपरा के मुताबिक, जब कोई दुआ की जाती है तो उसके लिए दोनों हाथों को उठाकर सीने तक लाना होता है और अल्लाह से मिन्नतें की जाती हैं. ये ठीक वैसे ही है, जैसे किसी के आगे झोली फैलाने की बात कही जाती है, उसी तरह दोनों हाथ एक साथ मिलाकर फैलाए जाते हैं और अल्लाह के सामने अपनी अर्जी लगाई जाती है. किसी के स्वस्थ होने की दुआ, किसी की नौकरी की दुआ, या किसी आत्मा की शांति के लिए दुआ...दुआ कुछ भी हो सकती है. दोनों हाथ फैलाकर दुआ मांगने की तस्वीरें फिल्मों में भी नजर आ जाती हैं. शाहरुख ने लता दीदी के पार्थिव शरीर के सामने जो किया वो यही था. उन्होंने जरूर लता दीदी की रूह को सुकून मिलने की दुआ की होगी, जैसा कि लता दीदी के लाखों-करोड़ों फैंस कर रहे थे.
शाहरुख जब अपने दोनों हाथ फैलाकर दुआ कर रहे थे तब उनके चेहरे पर ब्लैक मास्क था. करीब 12 सेकंड तक उन्होंने दुआ की और फिर मुंह से मास्क हटाया. मास्क हटाकर वो हल्का सा झुके और लता दीदी के पार्थिव शरीर पर फूंक मारी. इस फूंक मारने को थूकना कहकर भी सवाल पूछे जा रहे हैं. ट्विटर पर बीजेपी के हरियाणा आईटी सेल के इंचार्ज अरुण यादव ने भी वीडियो शेयर करते हुए ये सवाल उठाया था.
इस्लामिक नजरिए से समझें, तो दुआ का ये तरीका बड़ा आम है. हमने-आपने भी मस्जिदों या दरगाहों पर ऐसे दृश्य देखे होंगे जब कोई मां-बाप अपने बच्चे के लिए मुफ्ती या मौलाना से दुआ करा रहे होते हैं, वो दुआ करते हैं और फिर बच्चे के ऊपर फूंक मारते हैं. ऐसा बड़ों के लिए भी हो सकता है और किया भी जाता है क्योंकि दुआ किसी भी इंसान के लिए की जाती है. तंत्र-मंत्र विद्या में भी फूंक मारने का तरीका अपनाया जाता है.
इस्लामिक जानकारों का क्या कहना है?
इस मसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का कहना है कि आम तौर पर जब कोई बीमार होता या किसी को नजर लग जाती है तो उसकी हिफाजत के लिए, उसके ठीक होने के लिए दुआएं पढ़कर दम किया जाता है. दुआ पढ़कर फूंक मारने को 'दम' करना भी कहते हैं. यानी अगर किसी बीमार के लिए कोई दुआ की गई है तो उस दुआ को पढ़कर, बीमार के ऊपर फूंक मारी जाती है.
कहा जाता है कि ये उस दुआ के असर को बीमार के शरीर तक पहुंचाने का एक तरीका है. यानी दुआ में कुरान की जिस आयत को पढ़ा जाता है, उसका असर उस इंसान तक पहुंचाने का ये एक तरीका है. हालांकि, ये जरूरी नहीं है कि अगर दुआ पढ़कर फूंक मारी जाए तभी असर होता है, लेकिन ये भी दुआ का एक तरीका है.