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Brahmastra Movie Review In Hindi: फिल्म 'शमशेरा' की असफलता के बाद रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की इस फिल्म से लोगो को काफी आस है. ये फिल्म बॉलीवुड का सूखा खत्म कर सकती है. ये काफी दिनों से चर्चा चल रही है. अयान मुखर्जी की यह मोस्ट अवेटेड फिल्म को तैयार होने में 5 साल लगे हैं। अब यह फिल्म आज रिलीज़ हो गई है. बता दें कि फिल्म तीन हिस्से में बन रही है, जिसका पहला पार्ट आज शुक्रवार 9 सितम्बर को रिलीज हो गया है. इस फिल्म का रिव्यू (Brahmastra Review) सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहा है।
बता दें कि फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' की अडवांस बुकिंग काफी बम्पर हुई है। इसकी अडवांस बुकिंग 2 सितम्बर से शुरू हुई और मंगलवार तक ही फिल्म ने पहले दिन के लिए करीब साढ़े 6 करोड़ का बिजनस कर लिया था। एडवांस बुकिंग के मामले में फिल्म ने इस साल की सुपरहिट साउथ और बॉलीवुड फिल्में 'RRR' और 'भूल भुलैया' को भी पछाड़ डाला है। फिल्म एक्सपर्ट्स का मानना है कि फिल्म पहले दिन छप्पर फाड़कर कमाई करने वाली है और यह हिन्दी में करीब 26 से 27 करोड़ हो सकती है।
ये है कहानी
एक लड़का है शिव. उसे पता नहीं है कि वो हीरो है, लेकिन वो है. दशहरा और दीवाली के बीच हुई कुछ घटनाओं के चलते उसे खुद पर शक होता है. उसे लगता है कि साथ कुछ लोचा है. आगे-आगे कहानी क्लियर होती है और मालूम चलता है कि भाई के पास कुछ शक्तियां हैं जो उसे योद्धा बना सकती हैं. युद्ध किसके खिलाफ होगा? युद्ध होगा एक बलशाली नेगेटिव कैरेक्टर के खिलाफ जिसके 'नौकर' दुनिया में घूम-घूम ब्रह्मास्त्र को हासिल करने की जुगत भिड़ा रहे हैं. ब्रह्मास्त्र 3 हिस्सों में बंटा हुआ है और उन 'नौकरों' को उसे एक जगह लाकर जोड़ना है. इसी हिस्सों में बंटे ब्रह्मास्त्र को हासिल करने और उसकी रक्षा करने की कहानी है ब्रह्मास्त्र की ये पहली किस्त.
सुस्त हुई कहानी
एक फिल्म करते करते प्यार कर बैठे रणबीर कपूर और आलिया भट्ट को पहली बार परदे पर देखना असल जिंदगी के प्रेमियों को तो खूब भाने ही वाला है। फिल्म शाहरुख खान के प्रशंसकों के भी दिल को छू जाती है। अपनी दूरबीन से तारे निहारते वैज्ञानिक मोहन के घर में ब्रह्मास्त्र के पहले हिस्से की खोज में हुए हमले का पूरा सीक्वेंस दर्शकों को बांधकर रखता है। वानरास्त्र से नंदीअस्त्र तक आने की यात्रा में गति भी है और रोमांच भी। 'ब्रह्मास्त्र: पार्ट वन शिवा' धीमी पड़नी वहां से शुरू होती है जहां कहानी में एक ऐसा आश्रम आता है जिसके बाहर भी 'आश्रम' लिखा है। ऐसी गलतियां फिल्म में ढेर सारी है जिसमें दर्शकों को कुछ स्पष्ट सी बातें या तो नेपथ्य में चलती आवाज या फिर परदे पर कुछ न कुछ दिखाकर बताने की कोशिश की जाती हैं, जिसकी फिल्म में जरूरत है नहीं। सिनेमा में बहुत बताना भी बहुत अच्छा नहीं होता।
ब्रह्मास्त्र अस्त्रवर्स की पहली किस्त है. लेकिन इसने निराश किया. फिल्म में कुछ भी ऐसा नहीं है जो जनता ने पहले देखा ही न हो. 'ब्रह्मास्त्र: पार्ट वन शिवा' की कमजोर कड़ियां इसके संवाद के अलावा इसका संपादन भी है। फिल्म के शुरुआती हिस्से में रणबीर कपूर और उसके दोस्तों के बीच होने वाली बातचीत बहुत मुंबइया है। ऐसी हिंदी अब हिंदी भाषी दर्शकों को भी अच्छी नहीं लगती। फिल्म में शिवा की पृष्ठभूमि से फिल्म का भविष्य तय किया गया है लेकिन ईशा कौन है, उसका पृष्ठभूमि क्या है, इसके बारे में बस इतना पता चलता है कि वह अमीर है और उसका अमीर होना बनावटी नहीं है। फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर अच्छा है लेकिन फिल्म का गीत संगीत फिल्म के कथ्य के हिसाब से काफी कमजोर है। फिल्म 'ब्रह्मास्त्र: पार्ट वन शिवा' उन दर्शकों को खास पसंद आ सकती है जो मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स जैसा कुछ हिंदी में देखने की ख्वाहिश अरसे से लिए रहे हैं।