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History Of Chola Dynasty: 500 करोड़ की Ponnyine Selvan देखने से पहले चोल साम्राज्य का इतिहास जान लीजिये

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत
29 April 2023 8:00 PM IST
Updated: 2023-04-29 14:19:28
History Of Chola Dynasty: 500 करोड़ की  Ponnyine Selvan देखने से पहले चोल साम्राज्य का इतिहास जान लीजिये
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Ponniyin Selvan Is Based On Real History: 30 सितम्बर को 500 करोड़ के बजट वाली फिल्म पोनियन सेलवन पार्ट 1 (Ponniyin Selvan 1) यानी PS-1 रिलीज हो रही है. जो चोल साम्राज्य की दास्तान हैं

Is Ponniyin Selvan Based On Real Events: भारत के महान फिल्म निर्माता मणिरत्नम की फिल्म पोनियन सेलवन पार्ट 1 (Ponniyin Selvan 1) यानी PS-1 रिलीज के बाद फिल्म का दूसरा पार्ट रिलीज कर दिया है. जितनी बड़ी इस फिल्म की कहानी है उतना ही बड़ा इसका बजट है और उससे कई गुना ज़्यादा बड़ा चोल साम्राज्य था जिसपर PS 1 और PS 2 आधारित है.

500 करोड़ रुपए के मेगा बजट से बनी पोनियन सेलवन पार्ट 1-2 कल्कि कृष्णमूर्ति की नॉवल 'Ponniyin Selvan' पर आधारित है. यह नॉवल दक्षिण भारत के महान राजवंश 'चोल साम्राज्य' (Chola Dynasty) पर आधारित एक काल्पनिक मैगजीन है.

फिल्म की कहानी नॉवल 'Ponniyin Selvan' के बताए गए चोल साम्राज्य के शासक अरुलमोजहि वर्मन (Arulmozhi Varman) पर आधातित जिन्हे चोल राजा (Chola King) के नाम से जाना जाता है. मनिरन्त्म की फिल्म उसी चोल साम्राज्य पर बेस्ड है.

चोल साम्राज्य का इतिहास

History Of Chola Dynasty: बात है 9वीं शताब्दी की, जब चोल डायनेस्टी की स्थापना पल्लवों को हराकर हुई थी. चोल से पहले दक्षिण भारत में पल्ल्वों का शासन था. चोल वंश की स्थापना विजयालय चोल ने की थी. चोल साम्राज्य की राजधानी तंजौर हुआ करती थी. 13वीं शताब्दी तक जबतक पंड्या साम्राज्य का आना नहीं हुआ था तबतक चोल का शासन फल फूल रहा था. दुनिया में सबसे लब्मे वक़्त तक शासन करने वाला चोल साम्राज्य ही था.

चोल साम्राज्य में ना सिर्फ पूरा दक्षिण भारत, बल्कि श्रीलंका, थाईलैंड और मलेशिया में भी कब्जा था. चोल के कूटनीतिक संबध चीन तक पहुंच चुके थे. चोल साम्राज्य के पास शक्तिशाली जहाज थे जिनकी मदद से वो दूसरे देशों में जाकर वहां अपना शासन कायम करते थे.

चोल साम्राज्य की कहानी

Story Of Chola Dynasty: पूरे तमिल में चोल का साम्राज्य फ़ैल चुका था, कई चोल राजा आए और चले गए. जब परांतक प्रथम (Parantak 1st) का शासन हुआ तो चोल वंश को टक्कर देने के लिए राष्ट्र कूट शासक कृष्ण तृतीय (Krishna 3rd) आया. और उसने चोल साम्राज्य को परास्त कर दिया।

मगर जब कृष्ण तृतीय की मौत हुई तो चोल साम्राज्य फिर से खड़ा हो गया और दशकों तक राज करते रहे. चोल वंश के सबसे पराक्रमी राजा का नाम अरुलमोजहि वर्मन था जिन्हे चोलो ने अपना प्रथम राजा घोषित किया था. उनके बाद विजयालय, आदित्य 1, और राजेंद्र चोल महान शासक कहलाए

चोल साम्रज्य ने क्या किया था

चोलों के शासन से पूरा दक्षिण भारत खिल उठा था, यहां समाज और संस्कृति का बड़े पैमाने में विकास हुआ था. इस युग में विशाल सुंदर कलाकृत्यों से मंदिरों का निर्माण हुआ और वहीं धर्मिक बैठकें होती थीं. युद्ध और राजनितिक कलह के वक़्त भी मंदिर सबसे सुरक्षित स्थान हुआ करते थे, चोलों द्वारा बनवाए गए श्रीरंगम मंदिर आज भी आकर्षण का केंद्र है

चोलों ने कला, धर्म और साहित्य को बहुत महत्व दिया था, कावेरी नदी के तट पर कई शिव मंदिरों का निर्माण हुआ था, साथ में ब्रहदेव मंदिर, राजराजेश्वर मंदिर, गंगईकोंड चोलमपुर मंदिर जैसे चोल मंदिरों ने द्रविड़ वास्तुकला को शिखर तक पहुंचाने का काम किया था.

PS-1 फिल्म इसी चोल साम्राज्य पर आधारित फिल्म है जिसके तीन पार्ट बनने हैं. पहला पार्ट 30 सितम्बर को रिलीज हो रहा है.

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