आनंद मोहन को फिर जेल जाना पड़ेगा? सुप्रीम कोर्ट रिहाई के खिलाफ सुनवाई के लिए तैयार
बिहार न्यूज़: बिहार के बाहुबली नेता और क्रिमिनल आनंद मोहन को फिर से जेल जाना पड़ सकता है. IAS अफसर की हत्या करवाने वाले नेता को जेल से रिहा कराने के लिए बिहार सीएम ने जेल कानून ही बदल दिया लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट इस रिहाई के खिलाफ सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. आनंद मोहन ने जिस अफसर की हत्या करवाई थी उनकी पत्नी ने उसकी रिहाई के खिलाफ याचिका लगाई थी.
बिहार के DM रहे जी कृष्णैया की हत्या में दोषी आनंद मोहन की रिहाई मामले में 8 मई को सुनवाई होगी। 29 अप्रैल को जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई को चुनौती दी थी। उनकी तरफ से दायर याचिका में आनंद मोहन को फिर से जेल भेजने की मांग की गई थी।
नितीश कुमार ने आनंद मोहन को जेल से बाहर निकालने के लिए जेल मैन्युअल में ही बदलाव कर दिए थे. इसी लिए सिर्फ 14 साल की सज़ा काटने के बाद आनंद मोहन को जेल से रिहा करना पड़ा. जबकि ऐसे मामलों में आरोपी को सज़ा ए मौत या उम्रकैद होती है. एक IAS अफसर की हत्या करने पर ताउम्र जेल में रहना पड़ता है.
वोट बैंक की राजनीति
DM जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी का कहना है की नितीश सरकार ने आनंद मोहन की रिहाई सिर्फ वोट बैंक के लिए की है. यह रिहाई अन्याय है. पहले दोषी को फांसी की सज़ा हुई, जिसे उम्रकैद में बदला गया और अब सज़ा पूरी होने से पहले ही आईएएस अफसर की हत्या करवाने वाले दोषी को जेल से रिहा कर दिया गया, ये बिलकुल सही नहीं है
वहीं DM जी कृष्णैया की बेटी पद्मा ने भी नितीश सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार को अपने इस फैसले पर दोबारा विचार करना चाहिए, सरकार ने आनंद मोहन को जेल से रिहा कर पूरे देश में गलत उदाहरण पेश किया है