ट्रेन भूल गई रस्ता, जाना कहीं था पहुंच कहीं और गई, डीआरएम की कार्यवाही में दो अफसर निलंबित
आपने पैदल से लेकर दो और चार पहिया वाहन चालकों को रास्ता भूलते हुए अवश्य सुना होगा। लेकिन ट्रेन को रास्ता भूलते शायद ही सुना हो। जिस वाहन का ड्राइवर स्टेरिंग नहीं घुमा सकता फिर भला वह रास्ता कैसे भूल सकती है। लेकिन यह कहने सुनने की बात नहीं है यह 100 फ़ीसदी हकीकत की बात है कि ट्रेन जो निश्चित पटरी पर दौड़ती है, ड्राइवर स्टेरिंग नहीं घुमाता उसके बाद भी ट्रेन अपना रास्ता छोड़कर दूसरे रास्ते पर चली गई। अधिकारियों की इस बड़ी लापरवाही पर डीआरएम ने कार्यवाही की है। उन्होंने दो बड़े अफसरों को निलंबित कर दिया है। साथ ही जांच बैठा दी गई है।
क्या और कहां का है मामला
यह मामला कहीं और का नहीं बिहार का है। जहां एक एक्सप्रेस ट्रेन रास्ता भटक गई। जाना दूसरे ट्रैक पर था चली दूसरे ट्रैक पर गई। जब तक ड्राइवर को अंदाजा होता तब तक ट्रेन एक स्टेशन पार कर चुकी थी। यह मामला बिहार बेगूसराय जिले के बछवाड़ा का है।
बताया गया है कि गुवाहाटी से जम्मूतवी के बीच चलने वाली 15 मानचित्र653 अमरनाथ एक्सप्रेस जिसे बरौनी से खुलने के बाद समस्तीपुर जाना था लेकिन इस ट्रेन का रूट बदल दिया वह हाजीपुर रोड पर दौड़ने लगी।
ड्राइवर की सतर्कता आई काम
बताया गया है कि अमरनाथ एक्सप्रेस शुक्रवार सुबह 4:45 पर बरौनी से रवाना हुई। ट्रेन को समस्तीपुर जाना था लेकिन वह ट्रेन बछवाड़ा हाजीपुर रेलखंड की ओर चली गई। ड्राइवर जब तक कुछ समझ पाते तब तक ट्रेन विद्यापति नगर स्टेशन के आउटर सिग्नल पर पहुंच चुकी थी। आनन-फानन में ड्राइवर ने ट्रेन को रोका और रेलवे कंट्रोल को जानकारी दी।
मच गया बवाल
बताया जाता है जैसे ही ट्रेन के भटक जाने की जानकारी रेलवे प्रशासन को हुई। चारों ओर हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई। सुबह की गहरी नींद में सो रहे अधिकारियों के फोन की घंटी जैसे ही बजी लोग व्यवस्था बनाने में जुट गए। वही यह बात डीआरएम तक पहुंच गई। जिसके बाद कार्यवाही करते हुए डीआरएम ने बछवाड़ा रेलवे स्टेशन के एएसएन कुंदन कुमार और सूरज कुमार को निलंबित कर दिया साथ ही जांच के आदेश दिए गए हैं।
बड़ा हादसा टला
ड्राइवर की सूझबूझ और सतर्कता की वजह से ट्रेन में सवार सैकड़ों यात्रियों की जान बच गई। क्योंकि गलत ट्रैक पर जा रही ट्रेन की जानकारी किसी अगले स्टेशन को नहीं थी। ऐसे में अगर अन्य स्टेशन वाले भी इसी भटकी हुई ट्रेन के ट्रैक पर दूसरी ट्रेन को डाल देते तो हादसा होना निश्चित था।