बिहार

किसानो के लिए बड़ी खबर, कम्बाईन हार्वेस्टर चलाने से पहले अब लेनी होगी प्रशासन से अनुमति

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत
9 April 2022 10:59 AM IST
Updated: 2022-04-09 05:33:59
किसानो के लिए बड़ी खबर, कम्बाईन हार्वेस्टर चलाने से पहले अब लेनी होगी प्रशासन से अनुमति
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आगजनी की घटनाओं को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

वर्तमान समय में रबी की फसलों की कटाई जोरों पर चल रही है। किसान एक ओर जहां चना, मसूर, राई तथा गेहूं की कटाई में मस्त है। तो वही एक साथ सभी फसलों के पक जाने की वजह से किसान कम्बाईन हार्वेस्टर का उपयोग फसल कटाई में कर रहे हैं। लेकिन हाल के दिनों में बिहार सरकार ने कंबाइन हार्वेस्टर चलवाने के पहले जिला प्रशासन से अनुमति लेना आवश्यक कर दिया है।

हो सकती है कार्रवाई

बताया जाता है कि बढ़ रही आगजनी की घटनाओं को देखते हुए शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है। किसानों को कंबाइन हार्वेस्टर खेतों में चलाने के पहले जिला प्रशासन से विधिवत अनुमति लेनी होगी। ऐसा ना करने वाले किसानों पर कार्यवाही हो सकती है।

आगजनी की घटनाएं

बताया गया है कि कंबाइन हार्वेस्टर से फसल कटाई के उपरांत खेतों में बचने वाले फसल अवशेष को जला दिया जाता है। जिसकी वजह से आस-पड़ोस के खेतों में वह आग फैल कर फसलों को नुकसान कर रही है तो वही वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है। आगजनी की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है।

देना होगा एफिडेविट

बताया गया है कि हार कृषि निदेशालय की तरफ से यह निर्देश जारी किए गए हैं। जिसमें कहा गया है कि कंबाइन हार्वेस्टर से हारवेस्टिंग करने के बाद बचे हुए डंठल का उपयोग कैसे करेंगे इस संबंध में किसान को अनुमति लेने के पूर्व निश्चित कर एफिडेविट देना होगा।

किसानों ने दर्ज कराया विरोध

किसानों का कहना है कि अगर प्रशासन आगजनी की घटना को रोकने के लिए यह कदम उठा रही है तो पूरी तरह गलत है। खेती को लाभ का धंधा ऐसे नहीं बनाया जा सकता। हाथ से कटाई में लागत ज्यादा आती है। अगर हार्वेस्टर से फसल कटाई की जाती है तो लागत आधी हो जाती है। किसानों का कहना है कि अगर फसल का अवशेष जलाने पर रोक लगानी है तो इसके लिए प्रतिबंध लगाना पूर्णतया अनुपयुक्त है। इससे किसान कटाई छोड़कर कार्यालय के चक्कर काटने लगेगा से उसकी फसल कटाई पर बुरा असर पड़ेगा।

जागरूकता आवश्यक

किसान भाई वे डंठल पर आग लगाने के बजाय उस खेत की गहरी जुताई कर दें। ऐसे में बचा हुआ डंठल मिट्टी में दबकर खाद बन जाएगा। वास्तव में प्रशासन को आवश्यकता है की कृषि विभाग के स्थानीय अधिकारी कर्मचारी किसानों को इस तरह की जागरूकता लाने का प्रयास करें।

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

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