अपहरण के केस में सरेंडर करने के लिए निकले कार्तिक कुमार को सीएम नितीश ने बिहार का कानून मंत्री बना दिया
Karthik Kumar Bihar News: बिहार में अब बाहर नहीं सिर्फ बवाल नज़र आ रहा है. बिहार सीएम नितीश कुमार ने ऐसे नेता को राज्य का कानून मंत्री बना दिया है जिसपर अपहरण करने का आरोप है. बिहार के नए कानून मंत्री कार्तिक कुमार (Kartik Kumar) जिस राजभवन पहुंचकर दिन अपने मंत्री पद की शपथ ले रहे थे उस वक़्त उन्हें कोर्ट जाकर किडनेपिंग के मामले में सरेडंर करना था.
बिहार के कानून मंत्री का पद ऐसे नेता को दिया गया है जो कोर्ट की नज़र में पिछले 8 साल से फरार है. नितीश कुमार का कैबिनेट विस्तार विवादों से घिर गया है. बीजेपी को धोखा देकर अपने राजनितिक दुश्मनों से हाथ मिलकर नितीश कुमार ने नई सरकार तो बनाई लेकिन बिहार को उसी पुराने जंगलराज की तरफ धकेल दिया।
कार्तिक कुमार को सरेंडर करना था, मंत्री बना दिए गए
बता दें कि जिस दिन बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार और शपथ ग्रहण समारोह चल रहा था, तब वहां कार्तिक कुमार भी मौजूद थे. मंच में चढ़कर बिहार के कानून मंत्री पद की शपथ ले रहे थे. लेकिन उस वक़्त उन्हें सलाखों के पीछे होना चाहिए था. कोर्ट की नज़र में 8 साल से फरार चल रहे कार्तिक कुमार को उस दिन कोर्ट में सरेंडर करना था.
किस अपरहरण केस के आरोपी हैं बिहार के कानून मंत्री
मामला साल 2014 का है, पटना में राजीव रंजन का अपहरण हुआ था, इस मामले में बिहार के नए कानून मंत्री कार्तिक कुमार के खिलाफ केस दर्ज हुआ था, इस घटना में 17 अन्य भी आरोपी हैं जिसमे पूर्व MLA अनंत सिंह का भी नाम है.
कोर्ट ने कार्तिक कुमार की अग्रिम जमानत याचिका को फरवरी 2022 में ख़ारिज कर दिया था, उन्हें तत्काल सरेंडर करने के निर्देश थे, उन्हें पहले आत्मसमर्पण और उसके बाद बेल लेने के लिए कहा गया था. मगर उन्होंने ना तो कोर्ट में सरेंडर किया, ना बेल की अर्जी दी. उनके खिलाफ 14 जुलाई के दिन अरेस्ट वारंट जारी हुआ था. लेकिन नितीश कुमार ने उन्हें बिहार का कानून मंत्री बना दिया।
बिहार में ऐसे व्यक्ति को कानून की जिम्मेदारी दी गई है जो खुद अपहरण का आरोपी है और कोर्ट की बात नहीं मानता है.