भिखारी बैंक: जहाँ 1 प्रतिशत ब्याज में लोन मिलता है और भिखारी ही बैंक चलाते हैं
भारत में निजी और सरकारी मिलाकर 42 से ज़्यादा बैंक है. बैंक से लोन लेने के नाम पर लोग मुँह बनाने लगते है क्योंकि जानते हैं की बैंक का लोन नहीं चुकाया तो विजय माल्या की तरह देश भी छोड़ना पड़ सकता है और संपत्ति भी कुर्क हो सकती है। खैर मजाक बाद में अभी अपन बात करेंगे भिखारी बैंक की नाम थोड़ा अटपटा है लेकिन इसकी कहानी दिल को छू लेने वाली है।
कहाँ है भिखारी बैंक
भीहार के मुजफ्फरपुर में भिखारी बैंक है जहाँ भिखारियों के बैंक खाते हैं यहाँ काम भी भिखारी ही करते हैं और इस बैंक को कुछ भिखारियों ने ही मिल कर शुरू किया था। ऐसा नहीं है की यहाँ भीख मिलती है जैसे बाकी बैंक में काम होता है वैसे भिखारी बैंक में भी होता है। यहाँ भी पैसा जमा करने पर ब्याज मिलता है और ज़रूरतमंदों को लोन की सुविधा भी दी जाती है।
क्यों खोला गया इस बैंक को
देखो भाई होता क्या है की बुद्धिमान और क्रिएटिव होने के लिए पैसे नहीं चाहिए होते। एक भिखारी का भी दिमाग उतना ही बड़ा होता है जितना की दुनिया के सबसे अमीर आदमी का। अंतर बस इतना होता है की कुछ लोग अपने दिमाग का इस्तेमाल कर लेते है और कुछ का दिमाग सिर्फ दंदफंद में लगा रहता है। भिखारी बैंक की शुरुआत मुजफ्फरपुर के 5 भिखारियों ने की थी उन्होंने स्वयं सहायता समूह के रूप में इसे खोला क्योंकि वो पांचो पार्टनर भिखारी थे इसी लिए बैंक का नाम भी भिखारी बैंक रखा गया। यहाँ के भिखारी 5 लोगों का ग्रुप बना कर इस बैंक का संचालन करते हैं।
कुल 175 सदस्य हैं
इस बैंक में सदस्यों की संख्या 175 है। जो भविष्य में अपनी ज़रूरतें पूरी करने के लिए या आर्थिक तंगी को झेलने के लिए बैंक की तरह ही 5 स्वयं सहायता समूह का संचालन करते हैं। इस बैंक का कोर्डिनेशन जिला समाज कल्याण विभाग संभालता है।
महिलाओं की ज़्यादा भागीदारी
इस बैंक में 70 फीसदी महिलाओं की भागीदारी है। इस बैंक में भिखारी अपनी कमाई से होने वाले खर्च के बाद बचत के लिए बैंक में पैसे जमा कर देते हैं जिसका उन्हें ब्याज भी मिलता है। वहीँ ज़रूरतमंदों को लोन भी मिलता है जिसमे सिर्फ 1 % ब्याज लगता है। लोन लेने वाले को 3 महीने में राशि लौटानी पड़ती है।
मोबाईल ऐप पर काम होता है बॉस
नाम भिखारी बैंक है तो क्या हुआ काम एक वैसे ही होता है जैसे अन्य बैंको में होता है। यहाँ का पूरा लेन देन और डाटा एंट्री का काम मोबाइल ऐप के माध्यम से होता है। वर्तमान में इस बक में 5 समूह है और हर ग्रुप को सरकार ने 10000 रुपए की आर्थिक सहायता भी दी है। जिससे वो अपना खुद का व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं।