बिहार के 'छोटे सरकार', जिन्होंने चांदी के सिक्कों में तौल दिया था सीएम नीतीश कुमार को, पढ़ें पूरी खबर...
बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं. जैसे- जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, राज्य में सियासत का माहौल गर्म होता जा रहा है. चुनावी बाजी जीतने के लिए सभी पार्टियां एड़ी चोटी पर जोर लगा रही हैं. इस बीच सुर्ख़ियों में हैं बिहार के 'छोटे सरकार' के नाम से विख्यात अनंत सिंह. नितीश के दोस्त रहें बिहार के बाहुबली अनंत सिंह को इस बार RJD से टिकट मिला है. वे विधानसभा क्षेत्र मोकामा से चुनाव लड़ेंगे.
बिहार के छोटे सरकार एवं बाहुबली अनंत सिंह (Anant Singh) इन दिनों जेल में बंद हैं. एक वक़्त था जब अनंत सिंह की गिनती JDU के कद्दावर नेताओं में होती थी. अनंत बिहार के सीएम नितीश कुमार (Nitish Kumar) के बेहद करीबी माने जाते थें. इन दोनों के बीच दोस्ती इतनी गाढ़ी थी कि नितीश को एक जनसभा के दौरान अनंत ने चांदी के सिक्कों में तौल दिया था.
ऐसे आए थे अनंत और नीतीश करीब
साल 2004 के लोकसभा चुनाव में बिहार के मौजूदा सीएम नीतीश कुमार बाढ़ सीट से चुनाव लड़ने वाले थे. चुनाव से ठीक पहले ही लोजपा ने मोकामा के निर्दलीय विधायक सूरजभान सिंह को बलिया से टिकट दे दिया. इस घटना के बाद नीतीश कुमार को इस बात का अंदाजा लग गया था कि अगर उन्हें चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करनी है, तो उन्हें अनंत सिंह को अपने पक्ष में करना होगा. क्योंकि मोकामा अनंत का गढ़ कहा जाता है. इसके बाद दोनों करीब आए.
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छोटे सरकार ने नितीश को रैली में चांदी के सिक्कों से तौलवाया
ऐसे में नीतीश कुमार के खास और दाहिने हाथ कहे जाने वाले राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने अनंत सिंह की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया. इसके बाद बाहुबली अनंत जदयू में शामिल हो गए. इसी बीच बाढ़ संसदीय क्षेत्र में एक रैली हुई जिसमें नीतीश कुमार जनता को संबोधित कर रहे थे. इसी रैली के दौरान अनंत सिंह ने नीतीश को चांदी के सिक्कों से तुलवा दिया. कई लोगों ने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी बनाया था, जो बाद में बहुत वायरल हुआ.
टिकट नहीं मिला तो हो गए बागी
हालांकि अनंत द्वारा नीतीश को चांदी के सिक्कों से तौलवाना तमाम लोगों को रास नहीं आया, जिसमें विपक्षी नेता भी शामिल थे. हालांकि नीतीश ने इन बातों पर ध्यान नहीं दिया. कहा गया कि नीतीश के सत्ता में आने के बाद अनंत सिंह की संपत्ति में मनमानी बढ़ोतरी हुई. हालांकि, बाढ़ में ही एक युवक की हत्या के मामले में अनंत गिरफ्तार हुए और फिर धीरे-धीरे उनके तमाम कारनामे सामने आने लगे. इन्हीं कारणों से पार्टी में भी उनकी अहमियत कम होने लगी.
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साल 2015 में जदयू की तरफ से टिकट नहीं मिलने पर अनंत सिंह बागी हो गए और उन्होंने निर्दलीय ही चुनाव लड़ने का फैसला किया. इसके बाद वो मोकामा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक बने. आपको बता दें कि पिछले साल उनके घर से एके-47 समेत कई हथियार बरामद हुए थे. इसी मामले में अनंत सिंह करीब तेरह महीनों से जेल में बंद हैं.