बिहार में बहार है: गरीब भूखा सोता है और सरकार अपराधी नेताओं की पेंशन में लाखों खर्च करती है
बिहार में बहार है लेकिन किसी आम आदमी के लिए नहीं, सड़क पर भीख मांगते भूखे गरीब लोगों के लिए नहीं बल्कि हत्या रेप घूसखोरी और भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल की सज़ा काट रहे नेताओं के लिए है। बिहार सरकार ऐसे नेताओ को पेंशन देने के लिए लाखों रुपए खर्च करती है। ये बात हम नहीं कह रहे है खुद सरकार ने बताई है। वो तो भला हो एक RTI एक्टिविस्ट का जिसने ये खुलासा किया है
बिहार की अलग अलग जेल में बंद महारथियों पर राज्य सरकार का प्रेम देख कर आंखे भर आती है और जब ये बता चलता है की अपनी मुहब्बत साबित करने के लिए सरकार इन अपराधियों को सालाना लाखों रुपए बांटती है तो आँखे फट जाती हैं। दागी नेताओं को सरकार सालाना 54.52 लाख रूपए की पेंशन देती है। चारा घोटाला की सज़ा झेल रहे लालू प्रसाद यादव,पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, हत्या के आरोप में कैद पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह, आनंद मोहन, विजय कृष्ण और बलात्कार की सज़ा काट रहे राजभल्ल्भ यादव को सरकार हर महीने पेंशन देती है।
लालू प्रसाद को 89 हज़ार मिलता है
आम आदमी के लिए एक बार जेल चले जाना मतलब ज़िन्दगी भर अपमानित जीवंत बिताना होता है लेकिन नेताओं के लिए गंभीर आरोपों में जेल जाना इज़्ज़त की बात होती है। लालू प्रसाद यादव 950 करोड़ के चारा घोटाला को अंजाम देने वाले अपराधी है। अपराधी इसी लिए हैं क्योंकि कोर्ट ने उन्हें अपराधी माना है ठीक है। लालू यादव को राज्य सरकार हर महीने 89 हज़ार रूपए पेंशन देती है। लालू को चारा घोटाले के 4 मामलों में 13.5 साल की सज़ा सुनाई गई थी
मर्डर केस में कैद प्रभुनाथ सिंह को 62 हज़ार मिलता है
बिहार के बाहुबली नेता प्रभुनाथ सिंह हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सज़ा काट रहा है. विधायक और सांसद रह चुके प्रभुनाथ को चुनाव लड़के के लिए भी अयोग्य घोषित कर दिया गया है। इन महारथी के खिलाफ 40 से ज्यादा मामले दर्ज है और सरकार इनको हर महीने 62 हज़ार रूपए पेंशन के रूप में देती है।
रेप केस में बंद राजभल्लभ प्रसाद को 71 हज़ार मिलते हैं
2016 में नाबालिक लड़की का रेप करने के मामले में साल 2018 से जेल में बंद राजभ्ललव प्रसाद को राज्य सरकार प्रतिमाह पेंशन के 71 हज़ार मिलते हैं। पद में रहते हुए इनको उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई थी।
हत्या करने वाले नेता को मिलते हैं 62 हज़ार
पूर्व संसद विजय कृष्णा बीते 8 साल से जेल में है। ट्रांसपोर्टर सत्येंद्र सिंह की हत्या के मामले में विजय कृष्ण उम्र कैद की सज़ा भुगत रहे हैं विजय कृष्ण ने अपने करीबी सत्येंद्र को एक बक्से में बंद कर के गंगा नदी में फेक दिया था , उसका शव 20 दिन बाद मिला। जिसमे विजय कृष्ण को उम्रकैद की सज़ा हुई। राज्य सरकार उनको हर महीने 62 हज़ार रूपए देती है
कलेक्टर की हत्या करने वाले नेता को 42 हज़ार मिलता है
बिहार के दबंग नेता आनंद मोहन ने DM जी कृष्णैया की हत्या कर दी थी आनंद मोहन को जेल में 14 बीत गए हैं उन्हें उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई थी। राज्य सरकार नेता जी को हर महीने 42 हज़ार रूपए देती है
जगदीश शर्मा को मिलते हैं 1.25 हज़ार
चारा घोटाला में चाईबासा कोषागार से गबन के मामले में जेल की सज़ा काट रहे जगदीश शर्मा को 5 साल की सज़ा सुनाई गई थी। साल 2019 में आधी सज़ा काटने के बाद ही बेल मिल गई। जगदीश शर्मा को बिहार सरकार सालाना 15 लाख रुपए पेंशन के रूप में देती है
कैसे हुआ खुलासा
इन सब नेताओं को मिलने वाली पेंशन का खुलासा RTI से हुआ है RTI एक्टिविस्ट शिव प्रकाश का कहना है की भले ही जेल की सजा काट रहे नेताओं को पेंशन देना कोई गैरकानूनी कार्य न हो लेकिन इन लोगों को पैसे देने के चक्कर में आम आदमी द्वारा दिए जा रहे टैक्स की बर्बादी होती है। सबसे बड़ा सवाल तो यही है की जब किसी सरकारी नौकरी करने वाले पर जब भ्रष्टाचार का मामला दर्ज होता है तो उससे सारी सुविधाए छीन ली जाती है तो फिर जब कोई नेता ऐसे काम करता है तो उसको इन सब सुविधाओं का लाभ क्यों दिया जाता है।