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नए रेगुलेशन से देश भर के पशुओं को मिलेगा चिकित्सा का अधिकार
देश भर में पशु चिकित्सा के न्यूनतम मानक पशुपालन विभाग तय करने जा रहा है। वेटरनरी काउंसिल ऑफ इंडिया ने मिनिमम स्टैंडर्ड ऑफ वेटरनरी प्रैक्टिशनर रेगुलेशन तैयार किया है। जिसके तहत देश भर में पशुओं के उपचार के लिए गाइड लाइन उपलब्ध हो जाएगी। जिससे देश भर के शासकीय एवं निजी पशु चिकित्सालयों की ग्रेडिंग तय होने के साथ ही मनमाने तरीके से पेट्स क्लीनिक और अस्पताल संचालित नहीं किए जा सकेंगे।
नहीं तय हैं मानक
पशु चिकित्सा के मानक तय नहीं होने से कई स्थानों पर अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा भी पेट्स क्लीनिक और अस्पताल संचालित किए जाने लगे हैं। नए रेगुलेशन के आने से पशुओं को जहां चिकित्सा का अधिकार मिलेगा तो वहीं पशु चिकित्सालय भी नियमों के दायरे में आ जाएंगे। जिसके बाद मनमानी तरीके से इनके संचालन पर विराम लगेगी। इसके साथ ही इनके द्वारा पशुओं के उपचार के नाम पर मनमाने दावे भी नहीं किए जा सकेंगे। सरकारों के लिए भी पशु चिकित्सालयों के स्तर के अनुरूप उपकरण, चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करानी होगी।
पशुओं से मनुष्यों में फैल रही बीमारियां
वेटरनरी काउंसलिंग के विशेषज्ञों की मानें तो नई बीमारियों में से तकरीबन तीन चौथाई बीमारियां पशुओं से फैल रही हैं जो मनुष्यों को भी बीमारी से ग्रसित कर देते हैं। मनुष्यों के जितना ही पशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल भी किया जाना आवश्यक है। जिसके लिए पशु चिकित्सा को वन हेल्थ के दायरे में लाना आवश्यक है। नए रेगुलेशन में इसी के नियम तय किए गए हैं।
इनका कहना है
इस संबंध में इंडियन वेटरनरी एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. उमेश शर्मा की मानें तो पहली बार देश में पशु चिकित्सालयों के चिकित्सकों के न्यूनतम मानक होंगे। निजी पशु चिकित्सालय और क्लीनिकों का संचालन मनमाने तरीके से नहीं कर पाएंगे। इतना ही नहीं अपने आपको वह बिना सक्षम डिग्री के पशु चिकित्सक और पशु चिकित्सा विशेषज्ञ भी नहीं कह सकेगा।