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एमपी भोपाल में प्रदेश की पहली सायबर लैब जहां सोशल मीडिया वॉयस कॉल का खंगाला जा सकेगा रिकार्ड
मध्यप्रदेश के भोपाल में पहली ऐसी सायबर लैब होगी जहां सोशल मीडिया पर किए जाने वाले वॉयस कॉल के रिकॉर्ड को भी खंगाला जा सकेगा।वॉयल कॉल भी अब पुलिस की नजरों से नहीं बच सकेंगे। प्रदेश में यह सुविधा केवल भोपाल पुलिस कमिश्नरेट में खुल रही साइबर लैब में होगी। जहां सॉफ्टवेयर की मदद से पुलिस इनके रिकॉर्ड का आसानी से पता लगा लेगी।
जल्द प्रारम्भ हो जाएगी सुविधा
बताया गया है कि सोशल मीडिया के कॉल का रिकार्ड निकालने की सुविधा अभी मध्यप्रदेश के किसी साइबर सेल के पास नहीं है। पुलिस कमिश्नरेट में इस लैब को प्रारंभ करने के लिए पुलिस मुख्यालय से 40 लाख रुपए उपलब्ध कराए गए हैं। यह लैब अगले एक सप्ताह के अंदर काम करना प्रारंभ कर देगी। प्रदेश के किसी साइबर सेल में सोशल मीडिया कॉल ट्रैकिंग सुविधा नहीं है। यह पहली सायबर लैब होगी जहां सोशल मीडिया कॉल ट्रैकिंग सुविधा उपलब्ध होगी। कई बार आरोपियों द्वारा सोशल मीडिया कॉल के जरिए बातचीत की जाती है जिसका रिकार्ड निकलना पुलिस के लिए मुश्किल था। जिसके कारण जांच अटक जाती थी।
नंबर डालते ही सामने आ जाएगी लिस्ट
पुलिस को अभी तक जांच के लिए मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल रिकार्ड (सीडीआर) निकालनी पड़ती है जिससे यह पता चल पाता है कि किन-किन व्यक्तियों से संबंधित द्वारा बातचीत की गई है। जबकि सोशल मीडिया कॉल ट्रैकिंग सुविधा नहीं है। इस संबंध में एडिशनल डीसीपी शैलेन्द्र सिंह चौहान के मुताबिक इंटरनेट प्रोटोकॉल डेटा रिकार्ड (आईपीडीआर) एनेलाइजर सॉफ्टवेयर सोशल मीडिया वॉयस कॉल का रिकार्ड निकालेगा। बताया गया है कि सॉफ्टवेयर में सोशल मीडिया नंबर या आईडी डालते ही संबंधित की पूरी लिस्ट सामने आ जाएगी और यह आसानी से पता लगाया जा सकेगा कि संबंधित द्वारा किन-किन लोगों से बातचीत की गई है।
आरोपियों तक पहुंच सकेगी पुलिस
सॉफ्टवेयर की मदद से मोबाइल के पैटर्न लॉक, थंब इंप्रेशन लॉक को भी क्रैक किया जा सकेगा। इसके बाद मोबाइल और कम्प्यूटर हार्ड डिस्क से डेटा रिकवर और डिलीट डेटा रिट्रीव करने में आसानी होगी। इससे पुलिस ऐसे बदमाशों तक पहुंच सकेगी जो वारदात करने में सोशल मीडिया कॉल का इस्तेमाल करते हैं। इस संबंध में डीसीपी क्राइम अमित कुमार का कहना है कि जिले की साइबर लैब जल्द ही प्रारंभ हो जाएगी। जिसमें सॉफ्टवेयर की मदद से सोशल मीडिया से किए जाने वाले वॉयस कॉल का रिकॉर्ड भी आसानी से निकाला जा सकेगा।