भोपाल

एमपी के आदिवासी युवाओं को स्किल ट्रेनिंग देगा आरएसएस, हॉस्टल बनकर तैयार

Sanjay Patel
9 Dec 2022 3:28 PM IST
एमपी के आदिवासी युवाओं को स्किल ट्रेनिंग देगा आरएसएस, हॉस्टल बनकर तैयार
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मध्यप्रदेश के आदिवासी युवाओं को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) स्किल ट्रेनिंग की सुविधा मुहैया कराएगा। भोपाल में पढ़ाई के लिए आने वाले आदिवासी वर्ग के विद्यार्थियों को रहने के लिए अत्याधुनिक हॉस्टल बनकर तैयार हो गया है।

मध्यप्रदेश के आदिवासी युवाओं को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) स्किल ट्रेनिंग की सुविधा मुहैया कराएगा। भोपाल में पढ़ाई के लिए आने वाले आदिवासी वर्ग के विद्यार्थियों को रहने के लिए आरएसएस ने अत्याधुनिक हॉस्टल का निर्माण कराया है जो बनकर तैयार हो गया है। भोपाल के एमपी नगर में वनवासी कल्याण आश्रम में यह हॉस्टल सीएसआर फंड से तैयार किया गया है।

60 छात्रों के रहने की है व्यवस्था

वनवासी कल्याण आश्रम पहले से ही शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहा है। आश्रम के क्षेत्रीय संगठन मंत्री की मानें तो एमपी नगर में निर्मित हॉस्टल में 60 छात्रों के रहने की व्यवस्था है। भोपाल में जनजातीय विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग तरह की कोचिंग चलाई जाती हैं। अब स्किल ट्रेनिंग को इसमें शामिल किया गया है। जिसके माध्यम से आदिवासी युवाओं को स्किल ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी। जिससे छात्रों का कौशल विकास हो सके। यहां विभिन्न मामलों के विशेषज्ञ केन्द्र में आकर छात्रों का मार्गदर्शन करेंगे। हॉस्टल में कम्प्यूटर लैब, वाचनालय और स्टडी सर्किल भी संचालित किया जाएगा।

डिजिटल लाइब्रेरी भी बनाई जाएगी

एमपी नगर में वनवासी कल्याण परिषद के एकलव्य संकुल परिसर में कौशल विकास केन्द्र के नए भवन का लोकार्पण 11 दिसम्बर को संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले करेंगे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान होंगे। चार मंजिला इस हॉस्टल में तकरीबन 50 छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण प्राप्त हो सकेगा। हॉस्टल में 30 से अधिक प्रशिक्षणार्थियों के नियमित रूप से रहने की व्यवस्था की गई है। इतना ही नहीं यहां डिजिटल लाइब्रेरी भी बनाई जाएगी। गौरतलब है कि वनवासी कल्याण परिषद द्वारा मध्यभारत प्रांत में 15 छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है। जहां पर परिषद के महिला कार्य के अंतर्गत पौधरोपण, संस्कार केन्द्र, बालवाड़ी, सत्संग केन्द्र जैसे छोटे-छोटे प्रकल्पों के माध्यम से वनवासी समाज में समरसता एवं जागृति लाने के लिए काम संचालित किए जा रहे हैं। मध्यभारत प्रांत में संचालित किए जा रहे छात्रावासों में 697 छात्र-छात्राओं को आवास सुविधा मुहैया कराते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।

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