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एमपी के थर्मल पावर हाउस से निकली फ्लाई ऐश से बनाई जा रही सड़कें
मध्यप्रदेश के थर्मल पावर हाउस से निकली राख का उपयोग कर मुंबई की नई सड़कें बनाई जा रही हैं। इस फ्लाई ऐश का इस्तेमाल मुंबई के सी लिंक के लिए भी किया जा रहा है। सारणी के सतपुड़ा थर्मल पावर हाउस और खंडवा के सिंगाजी थर्मल पावर हाउस से निकलने वाली राख को मुंबई भेजा जा रहा है। मालगाड़ियों के माध्यम से भेजी जाने वाली इस राख का उपयोग सड़कों के निर्माण में किया जा रहा है।
4 हजार एमटी भेजी गई राख
ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे के अनुसार पहली बार मालगाड़ी के जरिए राख भेजने का प्रयोग सफल रहा। सारणी पावर हाउस से 4 हजार मीट्रिक टन (एमटी) राख की खेप मुंबई भेजी गई है। मालगाड़ी के माध्यम से से यह राख पुणे होते हुए मुंबई पहुंची। उनका कहना है कि सतपुड़ा पावर हाउस की दो यूनिटों में बिजली उत्पादन के लिए कोयले की खपत होती है। प्रतिदिन 7 हजार मीट्रिक टन कोयला बिजली उत्पादन में खपता होता है। जिससे पावर प्लांट से प्रतिदिन 27सौ मीट्रिक टन राख निकलती है।
सीमेंट फैक्ट्रियों में भी हो रही सप्लाई
बताया गया है कि सारणी के सतपुड़ा थर्मल पावर हाउस और खंडवा के सिंगाजी थर्मल पावर हाउस की राख का उपयोग मुंबई में सड़कों के निर्माण के कार्य में किया जा रहा है। इसके साथ ही इस राख को सीमेंट फैक्ट्रियों में भी सप्लाई किया जा रहा है। पीडब्ल्यूडी के रिटायर्ड प्रमुख अभियंता विजय सिंह वर्मा की मानें तो इस राख का उपयोग सड़क निर्माण के दौरान कमजोर मिट्टी के बेस को मजबूत बनाने में किया जाता है। सीमेंट के साथ फ्लाई ऐश मिलाने से सड़क अत्यधिक मजबूत हो जाती है। फ्लाई ऐश के साथ पानी को मिलाने पर इसकी ताकत सीमेंट जैसी हो जाती है। जिसका उपयोग सड़क निर्माण के दौरान किए जाने पर सड़क को अत्यधिक मजबूती मिलती है।