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एमपी के भोपाल में 20 साल पुराने पेड़ों को बचाने सड़क पर उतरे लोग, हाथ में पोस्टर लेकर वृक्षों से लिपट गए
मध्यप्रदेश के भोपाल में 20 साल पुराने पेड़ों को बचाने लोग सड़क पर उतर आए। यह पेड़ बरगद और पीपल के बताए गए हैं। सड़क किनारे लगे इन पेड़ों को पीडब्ल्यूडी हटा रहा है। आज सुबह कई लोग पेड़ों के पास पहुंचे और पेड़ों को बचाने के लिए उससे लिपट गए। सड़क पर उतरे लोगों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पेड़ न काटने की गुहार भी लगाई है।
50 करोड़ में बनाई जा रही सड़क
भोपाल के चूना भट्टी से बर्रई के बीच 50 करोड़ की लागत से सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसका कार्य लम्बे समय से किया जा रहा है। 12 किलोमीटर लम्बाई की सड़क का निर्माण कार्य जारी है। बाग सेवनिया में विश्वकर्मा मंदिर के पीछे दो पेड़ सड़क किनारे लगे हुए हैं। 20 वर्ष पुराने यह वृक्ष बरगद और पीपल के हैं। सड़क निर्माण के दौरान इन पेड़ों को काटा जा रहा है। मंगलवार को यहां स्थित चबूतरा तोड़ दिया गया। जिससे पेड़ों की जड़ें उखड़ गईं। पेड़ों को कटने से बचाने के लिए लोग सड़क पर उतर आए। मंगलवार को पेड़ नहीं काटे जा सके थे। इन दोनों पेड़ों को न काटे जाने के लिए लोगों ने मुहिम छेड़ दी है। बताया गया है कि यहां पर महिलाएं पूजा करने के लिए भी पहुंचती हैं।
बुजुर्ग, महिलाएं व बच्चे भी हुए शामिल
पेड़ों को कटने से बचाने के लिए बुधवार को सुबह साढ़े 9 बजे से मौके पर लोग एकत्रित हुए। जिसमें कटारा हिल्स, बाग मुगालिया, बाग सेवनिया, विवेकानंद परिसर, लहारपुरा, अरविंद विहार, अमराई समेत कई अन्य स्थानों के लोग भी जुटे। पेड़ों को बचाने लोग सड़क पर उतर आए। जिसमें बुजुर्ग से लेकर महिलाएं व बच्चों ने भी अपनी भूमिका निभाई। हाथों में पोस्टर लेकर पेड़ों को बचाने की गुहार लगाते रहे। इस दौरान कई बच्चे पेड़ों से लिपट गए। तकरीबन एक घंटे तक लोग मौके पर डटे रहे।
इनका कहना है
बाग मुगालिया एक्सटेंशन कॉलोनी विकास समिति के अध्यक्ष उमाशंकर तिवारी के मुताबिक बाग सेवनिया में विश्वकर्मा मंदिर के पीछे बरगद और पीपल के पेड़ हैं। यह पेड़ लगभग 20 वर्ष पुराने हैं। उनका कहना है कि पर्यावरण को बचाने जहां रोज पौधे लगाए जा रहे हैं और लोगों को इसके लिए प्रेरित भी किया जा रहा है। किंतु पीडब्ल्यूडी वर्षों पुराने इन दरख्तों को कटवा रहा है। जिसका लोगों द्वारा विरोध भी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री को इस संबंध में ट्वीट कर पेड़ न काटने की गुजारिश की गई है।