- Home
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- भोपाल
- /
- शिवराज के घुटनों के बल...
शिवराज के घुटनों के बल बैठे तस्वीर पर कमलनाथ ने दिया बयान: कहा- झूठे वादे एवं जनता को बेवकूफ न बनाए होते तो आज घुटनों के बल न बैठना पड़ता
शिवराज के घुटनों के बल बैठे तस्वीर पर कमलनाथ ने दिया बयान: कहा- झूठे वादे एवं जनता को बेवकूफ न बनाए होते तो आज घुटनों के बल न बैठना पड़ता
भोपाल। प्रदेश में इस समय चुनावी लहर हैं। आए दिन नेता अपने लुभावने वादें से जनता को अपनी ओर खींचने का काम कर रहे हैं। बीते दिनों शिवराज सिंह घुटनों के बल बैठकर जनता का अभिवादन किया एवं जनता को ही सर्वेपरि बताया। शिवराज की यह तस्वीर सोशल मीडिया सहित मीडिया में चर्चा में रही।
शिवराज की यह तस्वीर सामने आते ही मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस पर अपनी प्रक्रिया दी है। कमलनाथ ने शिवराज की उक्त तस्वीर को ट्वीटर में शेयर करते हुए लिखा कि ‘जनता से शिवराज अगर झूठे वादे न किए होते, झूठे नारियल न तोड़े होते, जनता से किए अपने हर वादे को पूरे किए होते तो उन्हें आज घुटने नहीं टेकने पड़ते। कमलनाथ ने शिवराज पर जमकर निशान साधा है।
यदि नेता जनता को झूठे सपने, झूठे सब्ज़बाग़ ना दिखाये, झूठी घोषणाएँ ना करे, झूठे चुनावी नारियल ना फोड़े, जनता से किये अपने हर वादे को वचन समझ पूरा करे, जनता को झूठे- लच्छेदार भाषण परोसकर मूर्ख ना समझे, pic.twitter.com/5jYdsnQ1oL
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 10, 2020
बहन बेटियां नहीं है सुरक्षित
कमलनाथ ने शिवराज पर सीधे तौर से निशाना साधते हुए कहा कि शिवराज आए दिन जनता से यही मांग करते है कि मुझे टेम्प्रेयरी से परमानेंट मुख्यमंत्री बनवा दो। मैं बहन-बेटियों की पूरी तरह से सुरक्षा करूंगा। मेरे उन पर किसी भी की आंच नहीं आने दूंगा। कमलनाथ कहते है कि शिवराज के राज में आए दिन बहन-बेटियों की इज्जत जा रही हैं।
लेकिन शिवराज इस पर ध्यान देने की बजाय झूठ पर झूठ बोलते जाते हैं। कमलनाथ ने कहा कि सबसे ज्यादा अपराध शिवराज के ही विधानसभा क्षेत्र में हैं। जो अपने ही विधानसभा को सुरक्षित नहीं रख पा रहा है वह प्रदेश की क्या सुरक्ष करेगा।
सीधी: चुरहट तहसीलदार पर हरिजनों ने लगाया आरोप, कलेक्टर को भेजा शिकायती पत्र दी आमरण अनशन की चेतावनी..
..तो जनता बैठती सिर आंखों पर
कमलनाथ ने कहा कि सत्ता लोलुपत्ता के लिए सौदेबाजी से जनादेश का अपमान कर राजनीति को कलंकित न करें। जनहित सदैव सर्वोपरि हो तो जनता उसे आंखों में बैठाती है। अपने सिर का ताज बनाती हैं। उसे कभी घुटनों टेकने की कभी जरूरत नहीं पड़ती हैं।