भोपाल

सीएम हेल्पलाइन में नहीं चलेगी लापरवाही, हर महीने होगी जिलों की ग्रेडिंग, खराब परफार्मेन्स पर चलेगा डंडा

Aaryan Dwivedi
22 Feb 2021 7:06 PM GMT
भोपाल। जिला स्तर पर अधिकारियों की मनमानी के कारण सीएम हेल्पलाइन में शिकायतों के निराकरण के संतोषजनक परिणाम नहीं आ पा रहे हैं। यही कारण है कि सीएम हेल्प लाइन में शिकायतों के निराकरण को लेकर मुख्यमंत्री नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। वर्तमान में जिस तरह से शिकायतों का निराकरण किया जा रहा है उससे मुख्यमंत्री संतुष्ट नही हैं।

भोपाल। जिला स्तर पर अधिकारियों की मनमानी के कारण सीएम हेल्पलाइन में शिकायतों के निराकरण के संतोषजनक परिणाम नहीं आ पा रहे हैं। यही कारण है कि सीएम हेल्प लाइन में शिकायतों के निराकरण को लेकर मुख्यमंत्री नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। वर्तमान में जिस तरह से शिकायतों का निराकरण किया जा रहा है उससे मुख्यमंत्री संतुष्ट नही हैं।

मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर सख्ती बरतने की बात कही है। अब हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण में खानापूर्ति नहीं चलेगी। बताया गया है कि हर महीने सीएम हेल्पलाइन के जरिए समस्याओं का शराब या बेहतर ढंग से समाधान कराने वाले जिलों की ग्रेडिंग की जाएगी। जिसके तहत जिलों को वर्गो में विभाजित किया गया है। जहां शिकायतों में कमी लाने वाले जिलों के बेहतर श्रेणी में रखा गया है। वहीं खराब श्रेणी वाले जिलों गणना कर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

पूर्व में कराई गई ग्रेडिंग में इन जिलों का परफार्मेन्स रहा खराब
सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों के निराकरण की पूर्व में जिलेवार ग्रेडिंग कराई गई थी। जिसमें सिंगरौली, हरदा, रतलाम, अलीराजपुर और होशंगाबाद जिला बेहतर श्रेणी में रहा है। जबकि श्योपुर सीधी, बड़वानी, आगर-मालवा एवं रीवा जिले की परफार्मेन्स खराब रही है। इसके बाद शिकायतों के निराकरण में गुणवत्ता लाने नई गाइड लाइन जारी की गई थी। जिसमें नागरिकों की संतुष्टि के बाद ही शिकायतों को बंद किया जाय।

अत्यधिक समय से लंबित शिकायतों की संख्या में कमी लाना सहित अन्य दिशा निर्देश शामिल थे। लेकिन वर्तमान में शासन की गाइड लाइन के अनुसार सीएम हेल्पलाइन का निराकरण नहीं हो पा रहा है बल्कि मनमानी तरीके से दबाव बनाकर मामलों में खात्मा लगाया जा रहा है।

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