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MP में भारी बारिश, अब तक 12 की मौत, तेजी से बढ़ रहा इस नदी का जलस्तर
भोपाल। राजधानी के टीलाजमालपुरा इलाके में मंगलवार को सुबह पौने छह बजे इंदिरानगर के नाले में बहे 15 वर्षीय वशीम का शव बुधवार को कबाड़खाने के नाले में दोपहर ढाई बजे पुलिस ने बरामद कर लिया। जबकि रायसेन के गैरतगंज की बीना नदी में बहे मामा- भांजा में से भांजे का शव मिल गया है। लेकिन मामा लापता है।
वहीं दूसरी ओर रीछन नदी की बाढ़ में बहे युवक का शव रायसेन-भोपाल रोड पर पुल के नीचे झाड़ियों में फंसा मिला, जबकि सिलवानी के सलैया गांव में नदी में बहा बालक अभी भी लापता है। इस तरह बारिश से भोपाल में पिछले दो दिनों छह लोगों की मौत हो चुकी, प्रदेश में मृतकों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है।
इधर रायसेन जिले में लगातार बारिश से एनएच-146 पर विदिशा-रायसेन मार्ग बंद है। कौड़ी नाला पुल से 5 फीट और पग्नेश्वर पुल पर बेतवा नदी 5 से 8 फीट ऊपर बह रही थी।
गैरतगंज के वार्ड पांच निवासी मोहम्मद अलीम (26) अपने मामा इरफान (40) के साथ मंगलवार को ईद के लिए गोपालपुर से बकरा खरीदकर ला रहे थे। बीना नदी पार करते समय दोनों बह गए। अलीम का शव बीना नदी के रपटे पर मिला, जबकि इरफान अब तक लापता है।
वहीं रीछन नदी में पिपलई निवासी शकील पुत्र लइक मौलाना (35) बह गया था, जिसका शव बुधवार को रायसेन-भोपाल रोड स्थित इसी नदी के पुल के नीचे फंसा मिला। इधर नदी में साइकिल धोते समय बहे सिलवानी तहसील के ग्राम सलैया निवासी धर्मेंद्र गौर के 10 वर्षीय बेटा राघव का अब तक सुराग नहीं मिला है।
प्रदेश से कम दबाव का क्षेत्र समाप्त हुआ
प्रदेश के अधिकांश इलाकों को तरबतर करने के बाद लो प्रेशर (कम दबाव) का क्षेत्र समाप्त हो गया। हालांकि, वर्तमान में प्रदेश के उत्तरी भाग पर बने ऊपरी हवा के चक्रवात के प्रभाव से फिलहाल कहीं-कहीं बौछारें पड़ने का सिलसिला बना रहेगा। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक 26 अगस्त को बंगाल की खाड़ी में एक और कम दबाव का क्षेत्र बनने के संकेत मिले हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक पिछले दो दिनों से प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र में सक्रिय था। उसके प्रभाव से राजधानी सहित प्रदेश के कई जिलों में झमाझम बरसात हुई। इसके बाद इस सिस्टम का रुख ग्वालियर-चंबल संभाग की तरफ हो गया था। लेकिन बुधवार को यह सिस्टम समाप्त हो गया। मौसम विज्ञानी बीके साहा ने बताया कि पूरे प्रदेश में इस समय वातावरण में पर्याप्त आद्रता मौजूद है।
साथ ही वर्तमान में उत्तरी मप्र पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। इसके अतिरिक्त सौराष्ट्र से मप्र होकर उत्तरी छत्तीसगढ़ तक एक ट्रफ(द्रोणिका लाइन) बनी हुई है। इसकी वजह से प्रदेश में कुछ स्थानों पर बौछारें पड़ती रहेंगी। इसी क्रम में बुधवार को सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक टीकमगढ़ में 17, नौगांव में 16, ग्वालियर में 6.2, उज्जैन, रतलाम में 3, पचमढ़ी, गुना में 2, भोपाल में 1.4 मिमी. पानी गिरा।
पहली बार खुले मोहनपुरा डैम के गेत
राजगढ़- लगातार हो रही बारिश से नवनिर्मित मोहनपुरा डैम भर गया है। डैम में तेजी से बढ़ते जल स्तर को देखते हुए पहली बार उसके दो गेट खोल दिए गए हैं, जिनसे 610 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। डैम के कमांड क्षेत्र में बसे 24 गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा कुंडालिया डैम भी भरने की कगार पर है। उसके गेट भी खुलने की संभावना है। उससे संबंधित गांवों में भी अलर्ट जारी किया गया है।
नर्मदा का जलस्तर सात फीट बढ़ा
होशंगाबाद- जिले में हल्की बारिश होती रही, लेकिन आसपास के इलाकों में हो रही बारिश से नर्मदा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सेठानी घाट पर जलस्तर में करीब 7 फीट वृद्धि दर्ज की गई है। मंगलवार को नर्मदा नदी का जल स्तर 939 फीट था, जो बुधवार को बढ़कर 946 फीट हो गया। यदि इसी तरह जलस्तर बढ़ता रहा तो निचली बस्तियों में पानी घुसने की आशंका है।
अशोक नगर में राजघाट डैम के 12 गेट खोले
अशोक नगर-जिले में लगातार हो रही बारिश से चंदेरी में बेतवा नदी पर बना राजघाट डैम लबालब भर गया है, जिससे बुधवार को डैम के 18 गेट में 12 गेट खोले गए।