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MP News: राजा भोज एयरपोर्ट में लगेगा मध्यप्रदेश का पहला कैटेगरी-2 लैंडिंग सिस्टम
MP Bhopal News: खराब मौसम का फ्लाइटों पर भी असर पड़ता है जिसके कारण फ्लाइट लेट या डायवर्ट होने की स्थिति तक निर्मित हो जाती है। भोपाल के राजा भोज एयरपोर्ट में इससे निपटने के लिए मध्यप्रदेश का पहला कैटेगरी-2 लैंडिंग सिस्टम लगाने की तैयारी की जा रही है। जिससे फ्लाइट के लेट या डायवर्ट होने की आशंका बहुत कम हो जाएगी। जिसके लिए 11 एकड़ जमीन जल्द ही एयरपोर्ट को मिलने की संभावना है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने जहां इसके लिए आवश्यक राशि भी मंजूर कर दी है तो वहीं इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिए गए हैं। एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम को अपग्रेड करने व लाइटिंग आदि में लगभग 15 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
कैटेगरी-2 लैंडिंग सिस्टम से फायदा
अभी खराब मौसम में जिसमें बरसात और ठण्ड के दौरान एयरपोर्ट में लगभग 15 से 20 फ्लाइट लेट होती हैं तो तकरीबन 5 फ्लाइटों को डायवर्ट करना पड़ता है। यहां तक कि एक या दो बार फ्लाइट कैंसिल करने तक की नौबत आ जाती है। जिससे निपटने के लिए भोपाल एयरपोर्ट पर लैंडिंग सिस्टम को कैटेगरी-2 में अपग्रेड करने की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। वर्तमान समय पर भोपाल एयरपोर्ट पर रनवे विजुअल रेंज 800 मीटर है। यानी इस ऊंचाई पर यदि पायलट को रनवे नजर आता है तो वह 60 मीटर हाइट तक एयरक्राफ्ट को लेकर आता है जिसके बाद यह तय करता है कि लैंडिंग की जानी है या नहीं। सिस्टम के अपग्रेड होने के बाद रनवे विजुअल रेंज घटकर 350 मीटर हो जाएगी और पायलट 30 मीटर हाइट तक एयरक्राफ्ट लाकर यह तय कर सकेंगे कि लैंडिंग करना है या नहीं। भोपाल में इतने कम हाइट पर आसमान साफ रहता है जिसके कारण अधिकांश फ्लाइट डायवर्ट होने से बच जाएंगी।
11 एकड़ जमीन के लिए चल रही प्रक्रिया
जनवरी 2022 से एयरपोर्ट अथॉरिटी ने जमीन के लिए प्रक्रिया प्रारंभ की। इस दौरान रिकार्ड में यह पाया गया कि 11 एकड़ जमीन मिलिट्री के आधिपत्य में है। जिसमें से 6 एकड़ जमीन का मालिकाना हक एयरपोर्ट के पास है। मिलिट्री के आधिपत्य में होने के कारण इसके लिए रक्षा मंत्रालय की परमिशन आवश्यक है। इसके लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा रक्षा मंत्रालय को लगभग 6 माह पूर्व पत्र भी लिखा गया था। जिस पर एयरपोर्ट अथॉरिटी और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के बीच चर्चा भी चल रही है। ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी को मिल जाएगी।