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भोपाल में 1800 करोड़ की ड्रग्स बरामद: MP की राजधानी में NCB और गुजरात ATS की बड़ी कार्रवाई, फैक्ट्री में हर दिन 25 किलो ड्रग्स तैयार हो रही थी
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 1800 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की मेफेड्रोन (MD) ड्रग्स जब्त की गई है। यह कार्रवाई गुजरात ATS और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) द्वारा की गई, जिन्होंने शनिवार को एक फैक्ट्री पर छापा मारा। इस ऑपरेशन के दौरान दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
यह फैक्ट्री भोपाल के बगरोदा गांव के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित है, जो कटारा हिल्स थाना इलाके के तहत आता है। इस बड़े छापे की मध्य प्रदेश के खुफिया विभाग को भनक तक नहीं लगी थी, जिससे यह मामला और भी संवेदनशील हो गया है।
फैक्ट्री में मादक पदार्थ बनाने का काम
ATS और NCB की टीम ने फैक्ट्री में छापा मारकर 907.09 किलोग्राम मेफेड्रोन ड्रग्स बरामद की, जिसमें से कुछ ठोस और कुछ तरल रूप में थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी अनुमानित कीमत 1814.18 करोड़ रुपये बताई गई है। फैक्ट्री में ड्रग्स बनाने के लिए ग्राइंडर, ग्लास फ्लास्क, हीटर, और अन्य उपकरण मिले। इन सामग्रियों को जब्त कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।
फैक्ट्री में रोजाना बन रही थी 25 किलो ड्रग्स
गुजरात ATS को ड्रग्स तस्करों से जानकारी मिली थी कि इस फैक्ट्री में रोजाना लगभग 25 किलो ड्रग्स बनाई जा रही थी। ATS की टीम डेढ़ महीने तक फैक्ट्री पर नजर रख रही थी। आखिरकार पक्की जानकारी मिलने के बाद ATS और NCB ने मिलकर संयुक्त कार्रवाई की।
इस फैक्ट्री को 6 महीने पहले किराए पर लिया गया था और तब से ही यहां पर ड्रग्स का उत्पादन हो रहा था। फैक्ट्री भोपाल के किसी ए.के. सिंह के नाम पर बताई जा रही है।
गिरफ्तार आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड
गिरफ्तार आरोपियों में सान्याल प्रकाश बाने (40 वर्ष) नासिक, महाराष्ट्र का निवासी है और अमित चतुर्वेदी (57 वर्ष) भोपाल का निवासी है। सान्याल बाने पहले भी ड्रग्स के मामले में पकड़ा गया था और उसे 5 साल की सजा भी हो चुकी है। जेल से बाहर आने के बाद उसने अपने साथी अमित चतुर्वेदी के साथ मिलकर ड्रग्स का कारोबार शुरू किया।
कांग्रेस ने सरकार से मांगा जवाब
भोपाल में हुए इस बड़े ड्रग्स पकड़े जाने के बाद कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि यह जानने की जरूरत है कि इतनी बड़ी मात्रा में ड्रग्स बनाने का काम किसके संरक्षण में हो रहा था।