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विश्वकप फाइनल में भोपाल की सौम्या दिखाएंगी जलवा, इतिहास रचने की तैयारी
एमपी भोपाल की 17 वर्षीय सौम्या तिवारी इतिहास रचने से महज एक कदम दूरी पर हैं। वह इंग्लैण्ड के खिलाफ भारतीय अंडर 19 टीम फाइनल मुकाबले में खेलने जा रही हैं। पूर्व में जिस तरह से भारतीय टीम द्वारा अपना शानदार प्रदर्शन किया है उससे ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि विश्वकप के फाइनल में भी एमपी की बेटियां इतिहास रच देंगी। अपने बल्ले के दम पर भोपाल की सौम्या से यह दिखा दिया है कि वह किस स्तर की बल्लेबाज है।
मोगरी से सीखा था क्रिकेट खेलना
भोपाल की सौम्या ने अपने जीवन में क्रिकेट की शुरुआत मोगरी से खेलकर की थी। उनका कहना है कि वह लेडी विराट कोहली बनना चाहती हैं। उनके तरह ही वह अंडर 19 विश्व विजेता टीम का हिस्सा बनने के इरादे से वह मैदान में उतरेंगी। देश के सीनियर क्रिकेटरों का वह बहुत सम्मान करती हैं। जिसके चलते उनके पूरे घर में कई सीनियर क्रिकेटरों के फोटो भी लगाए गए हैं। सौम्या तिवारी के माता-पिता की मानें तो उसके लिए क्रिकेट ही सब कुछ है। उसके द्वारा हमेशा विराट कोहली की प्रशंसा की जाती है और उन्हीं की तरह बनना चाहती है। किंतु अब तक उनकी मुलाकात विराट से नहीं हो पाई। ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि विश्वकप जीतने के बाद उनका यह सपना भी जल्द ही साकार रूप लेगा।
सौम्या बन सकती हैं एमपी की दूसरी खिलाड़ी
सौम्या द्वारा बचपन से ही लड़कों के बीच क्रिकेट खेलकर अपने करियर को नई दिशा दी। जिसका फायदा भी आज उन्हें मिल रहा है। सौम्यास भोपाल की पहली महिला खिलाड़ी हैं जो अंडर 19 विश्वकप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। मोहनीश ने वर्ष 2000, अजितेज अर्गल ने 2008 व राहुल बाथम ने 2016 में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। अजितेज 2008 में विराट कोहली की कप्तानी में विश्वकप जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। वह मैन आफ द फाइनल बने थे और भारत ने खिताब जीता था। 2016 में भी भारत फाइनल में पहुंचा था तब भोपाल के राहुल बाथम ने 21 रन बनाए थे किंतु कोई विकेट नहीं मिला था। सौम्या मध्यप्रदेश और देश की पहली महिला व ओवरआल अजितेज के बाद दूसरी खिलाड़ी बन सकती हैं। वैसे भी विश्वकप के लिए फाइनल खेलने वाली व भोपाल की दूसरी खिलाड़ी सौम्या बन चुकी हैं।