भोपाल

विंध्य में जंगली हाथियों की धमाचौकड़ी रोकने मधुमक्खियों की सेना हो रही तैयार

Sanjay Patel
16 Jan 2023 4:18 PM IST
विंध्य में जंगली हाथियों की धमाचौकड़ी रोकने मधुमक्खियों की सेना हो रही तैयार
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विंध्य क्षेत्र में जंगली हाथी अब अपनी धमाचौकड़ी कर उत्पात नहीं मचा सकेंगे। मध्यप्रदेश वन विभाग द्वारा इन हाथियों को रोकने के लिए मधुमक्खियों की सेना को तैयार की जा रही है।

विंध्य क्षेत्र में जंगली हाथी अब अपनी धमाचौकड़ी कर उत्पात नहीं मचा सकेंगे। मध्यप्रदेश वन विभाग द्वारा इन हाथियों को रोकने के लिए मधुमक्खियों की सेना को तैयार की जा रही है। वर्तमान की बात की जाए तो विंध्य और महाकौशल क्षेत्र के जंगलों में 66 जंगली हाथी धमाचौकड़ी कर रहे हैं। इन हाथियों द्वारा पहुंचाए जाने वाले नुकसान से लोगों को बचाने के लिए वन विभाग द्वारा यह कदम उठाया गया है।

हाथी की आंख और सूंड में मारती हैं डंक

वन विभाग द्वारा विंध्य क्षेत्र के गांवों में जंगली हाथियों के हमले को रोकने के लिए एक रणनीति तैयार की गई है जिसके अनुसार हाथियों को रोकने के लिए मधुमक्खियों का सहारा लिया जाएगा। बताया गया है कि मधुमक्खियों से हाथी डरता है क्योंकि इनके द्वारा हाथी की आंख और सूड में डंक मारने का काम किया जाता है। हाथी मधुमक्खियों की आवाज सुनकर परेशान हो जाते हैं और इनसे बचने के लिए वह इलाका छोड़कर दूर भाग जाते हैं।

जंगल से सटे गांवों में बंटवाया जाएगा बॉक्स

सूत्रों की मानें तो राष्ट्रीय आजीविका मिशन के माध्यम से जंगल से सटे गांवों में मध्यप्रदेश वन विभाग द्वारा मधुमक्खियों के शहद बॉक्स को बंटवाया जाएगा। यह बॉक्स उन रास्तों में रखे जाएंगे जहां से अक्सर हाथी गांवों में प्रवेश करते हैं। जंगली हाथियों की जैसे ही उन रास्तों पर धमाचौकड़ी करेंगे तो मधुमक्खियां उन पर हमला बोल देंगी। जिससे बचने के लिए हाथियों को इलाका छोड़ने के लिए विवश होना पड़ेगा।

घूम रहे 66 जंगली हाथी

पीसीसी वाइल्ड लाइफ जेएस चौहान की मानें तो वर्तमान में विंध्य और महाकौशल के जंगलों में 66 जंगली हाथी घूम रहे हैं। छत्तीसगढ़ से जंगली हाथी बार-बार डिंडोरी, मंडला, रीवा, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया पहुंच रहे हैं। इनके हमले से जहां लोगों के घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया जाता है तो वहीं फसलें भी तबाह कर देती हैं। मानव-हाथी द्वंद में दोनों को नुकसान से बचाने के लिए मध्यप्रदेश वन विभाग ने निगरानी के लिए हाथी मित्र दल और हमले की आशंका होने पर रैपिड रिस्पॉन्स टीमों का गठन करने के भी प्रावधान किए गए हैं।

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