भोपाल

MP का एक शहर जो वायु प्रदूषण में दिल्ली से भी आगे है, खबर पढ़कर जाने शहर का नाम, जहां की हवा जीवन नहीं, दे रही जहर....

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 12:12 PM IST
MP का एक शहर जो वायु प्रदूषण में दिल्ली से भी आगे है, खबर पढ़कर जाने शहर का नाम, जहां की हवा जीवन नहीं, दे रही जहर....
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पंजाब और हरियाण में पराली जलाते ही किसानो पर दवाब बढ जाता है। कहा जाता है कि दिल्ली का दम घुट रहा है। लेकिन मध्य प्रदेश में उर्जाधानी

MP का एक शहर जो वायु प्रदूषण में दिल्ली से भी आगे है, खबर पढ़कर जाने शहर का नाम, जहां की हवा जीवन नहीं, दे रही जहर….

भोपाल। पंजाब और हरियाण में पराली जलाते ही किसानो पर दवाब बढ जाता है। कहा जाता है कि दिल्ली का दम घुट रहा है। लेकिन मध्य प्रदेश में उर्जाधानी के नाम विख्यात रीवा सम्भाग का सिंगरौली जिला देश में प्रदूषित शहरों में पहले स्थान पर है। यहां कि हवा में लोगोें को प्राणवायु नहीं शरीर में हवा के माध्यम से जहर पहुंच रहा है। यहां प्रदूषण की मात्रा पीएम-10 मापा गया है। जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों की तुलना में 13 गुना ज्यादा है। इसके बाद भी सरकार की ओर से कोई इंतजाम नहीं किये जा रहे हैं।

MP का एक शहर जो वायु प्रदूषण में दिल्ली से भी आगे है, खबर पढ़कर जाने शहर का नाम, जहां की हवा जीवन नहीं, दे रही जहर....

प्रदूषण के सम्बंध में 100 प्रतिशत उत्तरप्रदेश अभियान और नागरिक मंच नामक संस्था ने सिंगरौली के 5 स्थनों के हवा की जांच के बाद यह खुलासा किया है। जिसमें बताया गया कि सिंगरौली के खडिया बाजार और शक्तिनगर बस स्टैंड सबसे ज्यादा प्रदूषित है। टीम में शामिल नागरिक मंच के रवि शेखर ने बताया कि यहां पीएम-10 और पीएम-2.5 मापा गया है। बताया गया है खडिया बाजार जहां पीएम-10 कण यानी 792 मइक्रोग्राम प्रति घनमीटर प्रदूषण की गणना की गई है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों की तुलना में 13 ज्यादा है।


टीम द्वारा सिंगरौली क्षेत्र के खडिया बाजार, बस स्टैंड शक्तिनगर, बीना, औड़ी मोड़ और रेनुकूट पांच क्षेत्र के वायू प्रदूषण की गुणवत्ता की जांच की गई। जिसमें खडिया बाजार और शक्तिनगर बस स्टैण्ड सबसे ज्याद प्रदूषित पाया गया। इन जांच की जाने वली कुछ जगहे मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश में भी आता है।

वायू प्रदूषण की इस स्थिति को देखते हुए टीम द्वारा केन्द्र तथा राज्या सरकार को कुछ उपाय भी सुझाए हैं। जिसमे टीम द्वारा कहा गया है कि पीएम-10 धूल के कणों से निर्मत होता है तेा वही पीएम-2.5 कोयला, पेट्रोल, डीजल तथा कचरा जलाने के बाद निर्मित होता है। टीम द्वारा सुझव देते हुए कोयला परिवहन वहनों से बंद करने की सलाह दी। साथ ही सौर ऊर्जा, स्वच्छ ईंधन, कचरा प्रबंधन पर ध्यान देने की बात कही हैं। पूरे क्षेत्र में 100 प्रतिशत हरियाली की आवश्यकता प्रमुख रूप से बातई गई।

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