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रुद्राक्ष महोत्सव में जुटे 2 लाख लोगः भगदड़ जैसे हालात, 3 हजार लोगों की बिगड़ी तबीयत
सीहोर के समीप कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष महोत्सव प्रारंभ होने के एक दिन पूर्व ही यहां लोगों की डेढ़ किलोमीटर लंबी कतार लग गई थी। रुद्राक्ष के लिए 2 लाख से ज्यादा लोग यहां बुधवार से ही कतार में लग गए थे। जबकि गुरुवार की दोपहर तक यहां पहुंचने वालों की संख्या तकरीबन 10 लाख तक जा पहुंची। बांस और बल्लियों से निर्मित बैरिकेड लोगों को नहीं रोक सकी। यहां कई बार भगदड़ जैसे हालात निर्मित हुए। जिसमें तकरीबन 3 हजार प्राथमिक उपचार केन्द्रों में अपना इलाज कराने पहुंचे। जिसमें कुछ तो भगदड़ के कारण चोट लगी थी जबकि अन्य भीड़ होने के कारण घबराहट, उल्टी आदि का शिकार हो गए।
नाकाफी रही व्यवस्था
कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष बांटने वाली समिति ने महोत्सव प्रारंभ होने के एक दिन पूर्व से ही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रुद्राक्ष बांटने का सिलसिला प्रारंभ किया गया किन्तु भीड़ नियंत्रित नहीं की जा सकी। हालात यह रहे कि 2 लाख से ज्यादा लोग बुधवार को ही यहां पहुंच गए थे। रुद्राक्ष वितरण का कार्य भी तय समय से एक दिन पहले प्रारंभ किया गया किंतु भीड़ को काबू करने के लिए यहां व्यवस्था नाकाफी नजर आई। जबकि आयोजन समिति का कहना है कि यहां 10 हजार से ज्यादा वालेंटियर्स और 1500 से ज्यादा पुलिसकर्मी व्यवस्था बनाने में लगे हुए हैं।
रुद्राक्ष के लिए क्यों लगी भीड़?
यहां पर लोगों को जिस रुद्राक्ष को वितरित किया जा रहा है उसके बारे में सूत्रों की मानें तो श्रद्धालुओं को यह बताया जाता है कि रुद्राक्ष पानी में डालें उसके बाद पानी को पी लें। ऐसा करने से भक्तों की हर समस्या दूर हो जाती है। चाहे बीमारी हो या भूत बाधा हो इसके साथ ही नक्षत्र खराब हो उसका भी निवारण हो जाता है। जिसके कारण यहां लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा और भीड़ बेकाबू हो गई। अभिमंत्रित रुद्राक्ष को पाने के लिए लोग यहां पर अपना डेरा जमाए हुए हैं। कई लोगों को डोम में जगह नहीं मिल पाने के कारण उन्हें खुले आसमान के नीचे सोना पड़ा।
ड्रेसिंग कर दी आवश्यक दवाइयां
श्री विट्ठल सेवा समिति उपचार केन्द्र की मानें तो यहां कई महिलाएं जख्मी हालत में पहुंची थीं। किसी के पैर को भीड़ ने कुचल दिया था तो किसी के पैर में तार लग जाने से खून बह रहा था। जिसकी ड्रेसिंग कर आवश्यक दवाइयां दी गई हैं। रुद्राक्ष के लिए यहां पहुंचे कोलकाता की सोनी सिंह, महाराष्ट्र के अभिषेक बाबुलकर, विनेश कुमारी अलीगढ़, अनिल कुमार सोनी जबलपुर, श्रद्धा चैहान इंदौर, राहुल शर्मा बिजनौर आदि का कहना है कि यहां पर इतनी भीड़ है कि व्यवस्था समझ में नहीं आ रही है। पानी पीने के लिए भी दो से तीन घंटे लग रहे हैं। एक बार तो भगदड़ मच गई। यहां लाखों की भीड़ है। खाना-पानी तक लोगों को नहीं मिल पा रहा है।
इनका कहना है
प्राथमिक उपचार केन्द्र के फार्मासिस्ट महेन्द्र सिंह ठाकुर का कहना है कि बुधवार को सुबह से शाम 5 बजे 600 से ज्यादा लोग बीमारी और घबराहट के चलते यहां इलाज कराने पहुंचे। वहीं प्राथमिक उपचार केन्द्र के डाॅ. गोस्वामी के मुताबिक अब तक उनके पास 1200 से ज्यादा मरीज पहुंच चुके हैं। जिसमें सर्वाधिक ब्लड प्रेशर बढ़ने के कारण बेचैनी वाले थे।