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एमपी भिंड के सरकारी अस्पताल में वाहन को बनाया मेडिकल स्टोर, बेची जा रही थी प्राइवेट दवाइयां
सरकारी अस्पताल परिसर में वाहन को ही मेडिकल स्टोर बनाकर दवाइयां बेचे जाने का मामला प्रकाश में आया है। बीएमओ के अस्पताल निरीक्षण के दौरान उक्त मामला पकड़ में आया। वाहन की डिग्गी में रखकर प्राइवेट दवाइयों को सरकारी अस्पताल के मरीजों में खपाया जा रहा था। मामले की जानकारी लगते ही मौके से कार लेकर चालक भाग निकला।
बीएमओ ने अफसरों से की शिकायत
भिंड के फूप बीएमओ डॉ. सिद्धार्थ चौहान सरकारी अस्पताल का निरीक्षण कर रहे थे। इस दौरान एक महिला चिकित्सक की कार से ड्राइवर को सरेआम अस्पताल परिसर में दवाइयों की बिक्री करते हुए पकड़ा। बीएमओ की मानें तो एक वाहन की डिग्गी खोलकर चालक द्वारा मरीज को दवाइयां दी जा रही थीं। मौके पर जाकर देखा तो पता चला कि फूप अस्पताल में पदस्थ महिला चिकित्सक डॉ. बीना होतगी की यह कार है। जिनके ड्राइवर द्वारा प्राइवेट दवाइयों की बिक्री एक महिला मरीज को की जा रही थी। जिसकी शिकायत बीएमओ द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों से लिखित में भी की गई है। हालांकि मामले की भनक लगते ही कार व दवाइयों समेत चालक मौके से भागने में कामयाब हो गया।
कई दिनों से मिल रही थी सूचना
बीएमओ डॉ. सिद्धार्थ चौहान के अनुसार उन्हें कुछ लोगों द्वारा बार-बार इस संबंध में सूचना दी जा रही थी कि सरकारी अस्पताल परिसर में वाहन में रखकर दवाइयां बेची जा रही हैं। यहां आने वाले मरीजों को प्राइवेट दवाइयां बेचने की शिकायत के बाद उनके द्वारा निरीक्षण किया गया। जिसके बाद यह मामला पकड़ में आया। रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद इसकी सूचना मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भिण्ड को कर दी गई है।
इनका कहना है
सरकारी अस्पताल में बीएमओ द्वारा वाहन में दवाइयों को बेचे जाने के मामले में महिला चिकित्सक डॉ. बीना होतगी का कहना है कि ये दवाइयां लहार ले जाई जा रही थीं। जिस महिला को दवाई दी जा रही थी वह मेरे प्राइवेट क्लीनिक पर मुझसे उपचार करा रही है। उसकी दवाइयां खत्म होने पर वह दवाइयां लेने आई थी।