- Home
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- भिंड
- /
- एमपी के भिंड में सीएम...
एमपी के भिंड में सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों में लापरवाही, जनपद सीईओ पर ठोंका 1 लाख का जुर्माना
अधिकारियों की लापरवाही व उदासीनता के चलते सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण नहीं हो पा रहा है। घटने की बजाय प्रकरणों में इजाफा हो रहा है। सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों को गंभीरता से नहीं लेने पर कलेक्टर अब एक्शन में आ गए हैं। लापरवाह अधिकारियों पर जहां कलेक्टर द्वारा जुर्माना लगाया गया है तो वहीं ऐसे अधिकारियों की जानकारी मुख्यालय भोपाल भी भेजी जा रही है। मामला भिंड जिले का है।
समीक्षा में मिली लापरवाही
गत दिवस भिंड कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने दर्ज होने वाली सीएम हेल्प लाइन प्रकरणों की समीक्षा की। जिसमें पांच अफसरों की लापरवाही सामने आई। जिनके द्वारा समय सीमा में प्रकरणों का निराकरण नहीं किया गया। जिस पर कलेक्टर द्वारा इन अधिकारियों पर जुर्माना लगाया गया। इसको नोटिस जारी कर कलेक्टर ने जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। इनके द्वारा दिए गए जवाब की कॉपी भोपाल मुख्यालय भेजी जा रही है। अब भोपाल स्तर के अधिकारी इन अधिकारियों के जवाब को वैरीफाई करेंगे। जिसके आधार पर अगली कार्रवाई तय की जाएगी।
किन पर कितना लगाया जुर्माना
सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों में लापरवाही भिंड कलेक्टर द्वारा पांच अधिकारियों पर जुर्माना लगाया गया है। जिसमें भिंड जनपद सीईओ राजेश गौड़ पर 1 लाख 7 हजार 250 रुपए का अर्थदंड लगाया गया है। जबकि भिंड नगरपालिका सीएमओ वीरेन्द्र तिवारी पर 54 हजार रुपए का अर्थदण्ड, तहसीलदार गोहद अनिल पटेल पर 25 हजार 500 रुपए का जुर्माना लगाया है। भिंड तहसीलदार ममता शाक्य पर 6 हजार 750 रुपए, सीईओ जनपद पंचायत लहार अरुण त्रिपाठी पर 12 हजार रुपए का अर्थदण्ड लगाया गया है। बताया गया है कि भिंड जनपद सीईओ द्वारा 131 प्रकरणों में 429 दिवस में समाधान नहीं कराया गया। जबकि सीएमओ वीरेन्द्र तिवारी ने 140 प्रकरणों में लेटलतीफी बरती और 216 दिवस में निराकरण नहीं किया। इसी तरह तहसीलदार गोहद अनिल पटेल ने 69 प्रकरणों में 110 दिन विलंब करने पर, तहसीलदार ममता शाक्य पर 27 प्रकरणों में 27 दिवस के विलंब पर, सीईओ जपं अरुण त्रिपाठी पर 15 प्रकरणों में 48 दिवस विलंब करने पर अर्थदण्ड लगाया गया है।