इंडिया नहीं इंडोनेशिया में खुलेगी Tesla कार मैन्युफैक्चरिंग यूनिट!
Tesla car manufacturing In India: दुनिया के सबसे बड़े धन्नासेठ आदमी एलोन मस्क अपनी इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी Tesla की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट इंडिया नहीं इंडोनेशिया में डालने का प्लान कर रहे हैं. केंद्र सहित कई राज्यों की सरकारों ने मस्क को यहां आकर टेस्ला कार बनाने और बेचने का निमंत्रण दिया था लेकिन Elon Musk के दिमाग में कुछ और ही चल रहा है.
Elon Musk एशिया में टेस्ला कार प्रोडक्शन हब के लिए इंडोनिशया में एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट डालने पर विचार कर रहे हैं. तो आइये जानते हैं मस्क इंडिया जैसे मार्केट को छोड़कर इंडोनेशिया में टेस्ला का प्रोडक्शन क्यों करना चाहते हैं.
टेस्ला का प्रोडक्शन इंडिया की जगह इंडोनेशिया में क्यों
टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो (Joko Widodo) से मिलने जा रहे हैं क्योंकि वह एशिया में टेस्ला प्रोडक्शन यूनिट को अंतिम रूप देने के लिए परफेक्ट देश की खोज करते हैं। इंडोनेशिया में निवेश और समुद्री मामलों के मंत्री, लुहुत बिनसर पंडजैतन ने कहा कि इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ने इस सप्ताह के अंत में वाशिंगटन में दक्षिण पूर्व एशियाई नेताओं के शिखर सम्मेलन के मौके पर मस्क से मिलने वाले हैं.
इंडोनेशिया निकेल का बड़ा उत्तपदक है
इंडोनेशिया पूरी दुनिया में निकेल का सबसे बड़ा उत्पादक देश है, जो बैटरी में इस्तेमाल होने वाली सबसे प्रमुख मेटल होता है, इंडोनेशिया ने अपनी विशेष प्रोत्हासन योजनाओं से विदेशी और घरेलु इलेक्ट्रिक कार निर्माता और बैटरी निर्माता कंपनियों को इंडोनेशिया में इन्वेस्ट करने के लिए आकर्षित किया है. नतीजतन इंडोनेशिया में इलेक्ट्रिक वाहनों के लक्ष्यों को मजबूत करने वाली एक अनुकूल नीति के साथ, निर्माताओं ने अरबों डॉलर का निवेश करना शुरू भी कर दिया है।
इंडोनेशिया में कई कंपनियां इन्वेस्टमेंट कर रही हैं
LG Energy Solution के साथ अन्य कंपनियां, लगभग 9 बिलियन डॉलर का निवेश कर रही हैं ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, Hyundai Motor कंपनी के साथ मिलकर एक बैटरी प्लांट भी विकसित कर रही है। इतना ही नहीं इस बीच, दुनिया की सबसे बड़ी पावरपैक निर्माता 'कंटेम्पररी एम्पेरेक्स टेक्नोलॉजी' (Amperex Technology Co) भी राज्य समर्थित पीटी अनेका तंबांग टीबीके(PT Aneka Tambang Tbk) और पीटी इंडस्ट्री बटेराई इंडोनेशिया (PT Industry Baterai Indonesia) के साथ एक बैटरी प्रोजेक्ट में लगभग 6 बिलियन डॉलर का निवेश कर रही है। इसी के साथ चीन की झेजियांग हुआयू कोबाल्ट कंपनी (Zhejiang Huayou Cobalt Co.)और पीटी वेले इंडोनेशिया टीबीके (PT Vale Indonesia Tbk) ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वे इंडोनेशिया में निकेल प्रोजेक्ट पर एक साथ काम करेंगे।
टेस्ला यह अच्छी तरह से जानता है कि इसने चीन और जर्मनी में बड़े विनिर्माण केंद्र बनाए गए हैं, दोनों देश औद्योगिक उत्पादन और नीतियों में अपने कौशल के लिए जाने जाते हैं जो उनकी कारों को बेचने में मदद करेंगे।
भारत में टेस्ला प्रोडक्शन में क्या दिक्कत है
अगर एलोन मस्क ने टेस्ला मैन्युफैक्चरिंग यूनिट इंडोनेशिया में डाल दी तो यह भारत के लिए बहुत बड़ा मौका खो देना साबित होगा। भारत में टेस्ला का प्लान न खुलने के पीछे सरकार की जरूरत से ज़्यादा सख्ती और ज़्यादा इम्पोर्ट टैक्स है, मस्क ने टेस्ला कार बेचने के लिए इम्पोर्ट ड्यूटी में 40% की सब्सिडी की मांग की थी लेकिन भारत सरकार कहती है कार बेचना है तो 100% इम्पोर्ट ड्यूटी दो. हालांकि सरक़ार ने मस्क को कई बार भारत आकर टेस्ला प्रोडक्शन शुरू करने के लिए निमंत्रण दिया था.