अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने 'मनी लेकर भागे गनी' का आरोप गलत बताया, कहा- भागता नहीं तो तालिबानी मुझे भी फांसी पर लटका देते
तालिबान के काबुल में कब्जा होने के पहले ही राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अफगानिस्तान छोड़ दिया था. उन पर आरोप लगाए गए कि वे देश से काफी कैश और 4 कारें लेकर भागे हैं. गनी ने UAE में शरण ली है. उन्होंने खुद पर लगे सभी आरोपों को नकार दिया है.
अफगानिस्तान के काबुल में तालिबानियों का कब्जा होने के ऐन वक्त पहले राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया था. इसके बाद उन पर देश से कैश लेकर भागने का आरोप लगाया गया है. इन आरोपों का जवाब देने और भागने की वजह बताने अब गनी खुद सामने आएं हैं. गनी ने कैश लेकर भागने वाली बात को गलत बताया है.
गनी ने कहा है कि मैं रविवार 15 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में मौजूद था. सुरक्षा में तैनात लोगों ने सूचित किया कि तालिबानी राष्ट्रपति भवन मे दाखिल हो चुके हैं, एवं अपना झंडा लगा रहें हैं. इस दौरान मुझे वहां से निकलने के अलावा कोई विकल्प नहीं दिखा. अगर मैं अफगानिस्तान में रहता तो देश के लोग एक और राष्ट्रपति को सर-ए-आम फांसी के फंदे पर लटकते देखते. उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने देश के लोगों को खून-खराबे से बचाने के लिए यह कदम उठाया है.
पैसे लेकर नहीं भागा
राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कैश लेकर भागने वाले आरोपों पर भी जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि "मैं वहां से कोई कैश लेकर नहीं भागा हूँ. मैंने UAE पहुंचने के बाद एक आम नागरिक की तरह कस्टम क्लियरेंस ली. मैं अपने कपड़े ही साथ लाया हूं. अपनी लाइब्रेरी साथ लाना चाहता था, लेकिन ये भी मुमकिन नहीं हो सका. हमारे सुरक्षा बल नाकाम नहीं रहे. देश के बड़े नेता और इंटरनेशनल कम्युनिटी नाकाम रही. मैं अपने मुल्क लौटना चाहता हूं और इसके लिए हामिद करजई और अब्दुल्ला अब्दुल्ला के संपर्क में हूं. यही लोग तालिबान से बातचीत कर रहे हैं."