यदि आप ज्यादा देर तक फोन पर करते हैंं बात तो हो जाइए सावधान, नही तो...

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Update: 2021-02-16 06:00 GMT

नई दिल्‍ली। आजकल मोबाइल फोन के बिना एक मिनट भी रहना लोगों के लिए दूभर हो गया है लेकिन एक शोध अध्‍ययन से पता चला है कि लंबे समय तक मोबाइल फोन के इस्तेमाल से शरीर में बीमारियां पैदा करने वाले जैविक बदलाव हो सकते हैं। बता दें कि एम्स और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के अध्‍ययन में इसका पता चला है। एम्स में चल रहे इस अध्‍ययन में शामिल लोगों को साल में एक बार बुलाया जाता है। उनकी नए ब्लड टेस्ट की पुराने टेस्ट से तुलना की जाती है। डब्ल्यूएचओ ने पहले ही इसे कैंसर कारक बताया है।

हालांकि भारत सरकार ने इसके लिए एक मानक भी तय कर रखा जिससे ज्यादा रेडिएशन देने वाले मोबाइल फोन्स की बिक्री पर रोक है। बता दें कि इंडियाज नेशनल स्पेसिफिक एब्जॉर्बशन रेट लिमिट (आईएनएसएआरएल) के अनुसार, मोबाइल के रेडिएशन का मानक अधिकतम 1.6 वॉट प्रति किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए। जबकि चीन समेत कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां इसकी परवाह किए बिना धड़ाधड़ अपने स्मार्टफोन भारतीय बाजार में उतार रही हैं।

वर्ष 2013 से दिल्ली-एनसीआर के 4500 लोगों पर शोध किया जा रहा है। अध्‍ययन के शुरुआती नतीजे बताते हैं कि मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल से सुनने, प्रजनन क्षमता और ध्यान में कमी के साथ हाइपरएक्टिव जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अध्‍ययन के फाइनल रिजल्ट तक पहुंचने के लिए अभी तीन-चार साल और लगेंगे। अध्‍ययन में शामिल डॉक्टर कहते हैं कि यह तय है कि मोबाइल रेडिएशन का बुरा असर पड़ता है, इसलिए जहां तक संभव हो इसका कम से कम इस्तेमाल करें।

आईसीएमआर के डॉक्टर आर.एस. शर्मा के अनुसार, अध्‍ययन को तीन कैटेगरी में बांटा गया है। पहले में आधे घंटे तक मोबाइल का इस्‍तेमाल करने वाले यूजर दूसरे में एक घंटे तक मोबाइल का इस्तेमाल करने वाले यूजर और तीसरे में दो घंटे से अधिक मोबाइल का इस्तेमाल करने वालों को रखा गया। इससे पता चला कि जो यूजर जितना अधिक मोबाइल इस्तेमाल कर रहा है, उसे उतनी ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

ऐसे बचें रेडिएशन के बुरे प्रभाव से

  • फोन को बगैर किसी प्रोटेक्टिव केस के न करें इस्तेमाल, इससे डायरेक्ट प्रभाव काफी हद तक कम हो जाएगा।
  • जितना संभव हो फोन को अपने शरीर से दूर रखें।
  • घर या ऑफिस में ज्यादातर लैंडलाइन का इस्तेमाल करें।
  • संभव हो तो जिस समय का इस्‍तेमाल न कर रहे हों इसे स्विच ऑफ कर दें।
  • संभव हो तो स्पीकर फोन पर ही बात करें इससे आपका फोन आपके शरीर से तो दूर रहेगा।

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