ISRO Chandrayaan 3 Mission: इसरो के चंद्रयान-3 मिशन के बारे में सब कुछ जानें
चंद्रयान-3 मिशन के बारे में सब कुछ जानें: अगर ISRO का Mission Moon यानी Chandrayaan-3 Mission सफल होता है तो भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा;
Everything About Chandrayaan-3 Mission In Hindi: दुनिया में अमेरिका एकमात्र ऐसा देश है जिसके वैज्ञानिकनों ने चांद कर कदम रखा है. और US सहित रूस और चीन ऐसे देश हैं जो अपनी स्पेशशिप (Moon Rover) को चांद में उतार चुके हैं. अब भारत के पास दुनिया का चौथा देश बनने का मौका है जिसका Moon Rover चांद पर लैंड किया जाएगा। और यह सब संभव होगा ISRO के Mission Moon यानी चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3 Mission) से.
इसरो का चंद्रयान 3 मिशन
ISRO Chandrayaan 3 Mission: 22 जुलाई 2019 को ISRO ने अपना चंद्रयान-2 लॉन्च किया था. जिसकी लॉन्चिंग तो सफल रही लेकिन 2 महीने बाद 7 दिसंबर 2019 को चंद्रमा के साऊथ पोल में लैंड करने की कोशिश में Chandrayaan-2 दुर्घटनाग्रस्त हो गया. जिसके बाद भारत ने चंद्रयान 3 की तैयारियों पर काम करना शुरू कर दिया
ISRO चीफ एस सोमनाथ ने कहा है कि हम चंद्रयान-2 मिशन में असफल हुए, जरूरी नहीं है कि इस बार हम सफल हो जाएं लेकिन बड़ी बात ये है कि हम इससे सीख लेकर आगे बढ़ रहे हैं. असफलता मिलने का मतलब ये नहीं है कि हम कोशिश करना छोड़ दें. चंद्रयान-3 से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलेगा और हम इतिहास रचेंगे। चंद्रयान-3 मिशन का मकसद सटीक लैंडिंग है. इसके लिए बहुत सारे काम किए जा रहे रहे हैं. इनमे नए उपकरण, बेहतर अल्गोरिदम और फेलर मोड का ध्यान रखा गया है.
चंद्रयान मिशन
इसरो का चंद्रयान मिशन हमारी पृथ्वी के उपग्रह चांद की स्टडी करने के मकसद से लॉन्च किया जाना है. 2008 में ISRO ने Chandrayaan-1 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था लेकिन 2019 में Chandrayaan-2 के दौरान ISRO असफल हुआ. अब जुलाई में भारत Chandrayaan-3 से अपनी तीसरी कोशिश कर रहा है जिसमे चांद में अपना Moon Rover लैंड कराना है. Chandrayaan-3 की लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से होगी
चंद्रयान 3 मिशन में मॉड्यूल के तीन पार्ट हैं.
- प्रोपल्शन मॉड्यूल- यह स्पेस शिप को उड़ाने वाला हिस्सा होता है जिसे रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा
- लैंडर मॉड्यूल- यह स्पेस शिप का वो हिस्सा है जिसे चांद में लैंड किया जाएगा
- मून रोवर मॉड्यूल- लैंडर मॉड्यूल के अंदर Moon Rover होगा। जो चन्द्रमा की सतह में घूमेगा, उसका अध्यन करेगा और ISRO को जानकारियों सहित तस्वीरें भेजेगा।
अगर ISRO 13 जुलाई में लॉन्च होने वाले चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग और लैडिंग कर देता है तो ऐसा करने वाला भारत चौथा देश बन जाएगा। ISRO के साथ-साथ रूस भी अपना मून रोवर मिशन शुरू करने वाला था लेकिन भारत के मिशन को समझते हुए रूस ने अपने मिशन को फ़िलहाल के लिए रोक दिया है.