भारत की ख़ुफ़िया एजेंसियों ने सैनिकों और उनके परिवारों से कहा- चाइनीज मोबाइल का इस्तेमाल न करें
देश की ख़ुफ़िया एजेंसियों ने कहा है कि सैनिकों और उनके परिवारों को चाइनीज मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
Soldiers Do not use Chinese mobiles: पूरी दुनिया चाइनीज इलेक्टिक और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को लेकर संदेह जता रही है, हाल ही में ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने देश से सभी चाईनीज CCTV कैमरा हटवा दिए हैं. जांच और ख़ुफ़िया एजेंसियों का कहना है कि Made In China के इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मदद से चीनी सरकार जासूसी करती है. और चीनी स्मार्टफोन से तो चाइना ऐसी-ऐसी जानकारी पता लगा लेता है जो सुनने में असम्भव लगती हैं.
ख़ुफ़िया एजेंसियों ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि- भारत के सैनिक चाइनीज मोबाइल का इस्तेमाल ना करें और न अपने परिवार वालों को करने दें. ख़ुफ़िया एजेंसियों का कहना है कि सैनिकों और उनके परिवारों कोई चीनी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके लिए सभी रक्षा यूनिट्स और फॉर्मेशन्स को अपने कर्मियों को आगाह करने को कहा गया है।
चाइनीज मोबाइल से क्या दिक्क्त है
एजेंसी में मिले दस्तावजों के मुताबिक सैन्य ख़ुफ़िया एजंसियों ने सैनिकों और उनके परिवारों को भारत के दुश्मन देश के बनाए फोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। यह एडवाइजरी इसी लिए जारी की गई है क्योंकि चीनी कंपनियों के स्मार्टफोन में मैलवेयर और स्पाइवेयर पाए गए हैं. जो मोबाइल में फीड किए गए हर एक जानकारी को चोरी कर लेते हैं. यहां तक की कॉल डिटेल, SMS और चैट भी.
ख़ुफ़िया एजेंसी ने कुछ चाइनीज मोबाइल कंपनियों के नाम भी बताए हैं जो जासूसी में इस्तेमाल किए जाते हैं. वीवो, ओप्पो, श्याओमी, वन प्लस, ऑनर, रियल मी, जेडटीई, जियोनी, आसुस, इनफिनिक्स जैसी मोबाइल कंपनियां जासूसी कर सकती हैं ऐसा ख़ुफ़िया एजेंसियों का दावा है. और एडवाइजरी में चीनी मोबाइल एप्स को भी डिलीट करने की सलाह दी गई है.