France Artificial Sun: चीन के बाद अब फ़्रांस अपना सूरज बना रहा, भारत सहित 35 देश इस प्रोजेक्ट में शामिल

France Artificial Sun: सूर्य की तरह ऊर्जा देने वाली इस मशीन का वजन 23 हज़ार टन है और साइज़ में यह इतना बड़ा है कि तीन एफिल टॉवर इसमें समा सकते हैं

Update: 2022-06-07 07:32 GMT

France Artificial Sun: चीन के बाद फ़्रांस देश अपना अलग सूरज बना रहा है, यह कृतिम सूरज इतना बड़ा है कि इसमें तीन एफिल टॉवर समा सकते हैं, और इसका वजन 23 हज़ार टन है. फ़्रांस द्वारा बनाए जा रहे इस आर्टिफिशियल सूरज का प्रोजेक्ट अगर सफल हो गया तो तमाम देशों में चल रहा ऊर्जा का संकट हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा, रिपोर्ट्स की माने तो सिर्फ एक ग्राम परमाणु (ATOM) से 8 टन तेल के बारबार ऊर्जा बनेगी। इस प्रोजेक्ट का नाम ITER (initially the International Thermonuclear Experimental Reactor) है 

फ़्रांस देश में बन रहे इस कृतिम सूर्य प्रोजेक्ट में भारत सहित दुनिया का 35 देश और उनके वैज्ञानिक काम कर रहे हैं. इस प्रोजेक्ट को फ़्रांस के दक्षिणी पहाड़ी इलाके में बनाया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद देशों को स्वच्छ ऊर्जा मतलब Green Energy मिलने लगेगी और ऊर्जा के लिए वातावरण को नुकसान पहुंचाना बंद हो जाएगा। 

कृतिम सूरज से ऊर्जा कैसे बनती है 

How is energy made from the artificial Sun: फ़्रांस में जिस सूर्य का निर्माण हो रहा है, वह इतना शक्तिशाली है कि सिर्फ एक ग्राम परमाणु से 8 टन तेल जितनी ऊर्जा बनेगी, बैज्ञानिक परमाणु संलयन (Nuclear Fusion) पर कंट्रोल चाहते हैं. Nuclear Fusion से ही हमारे असली सूर्य और तारों से ऊर्जा बनती है. न्यूक्लियर फ्यूजन से ऊर्जा विकसित करने के बाद इंसान को  फॉसिल फ्यूल (Fossil Fuel) यानी के जीवाश्म ईंधन जैसे पेट्रोल-डीजल की जरूरत नहीं पड़ेगी, यह जीवाश्म ईंधन से हज़ारों गुना शक्तिशाली होता है. वहीं इसे बनाने और उपयोग में कार्बन उत्सर्जन नहीं होता और ना ही रेडिओ एक्टिव वेस्ट निकलता है. यह ऐसी ऊर्जा है जिसे बनाने में पर्यावरण प्रभावित नहीं होता। 

फ़्रांस के कृतिम सूर्य को तैयार करने में भारत, अमेरिका, कोरिया, जापान, यूरोपीय यूनियन की महत्वपूर्ण भूमिका है. जब यह सूर्य तैयार होजाएगा तो इन 35 देशों को कभी ऊर्जा के संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। 




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