Corbevax Vaccine: दोनों डोज लगवा चुके लोगों को लगेगा कॉर्बेवैक्स का बूस्टर डोज, कोविशील्ड और कोवैक्सिन से ज़्यादा असरदार
Is Corbevax Vaccine Is More Effective Than Covishield And Covaxin: ऐसा दावा है कि कॉर्बेवैक्स वैक्सीन कविशील्ड और कोवाक्सिन से ज़्यादा असरदार है
कॉर्बेवैक्स वैक्सीन: बुधवार को केंद्र सरकार ने बायोलॉजिकल ई कंपनी की बनाई वैक्सीन कॉर्बेवैक्स वैक्सीन (Corbevax Vaccine) को बूस्टर डोज के तौर पर मंजूरी देदी है. अब कोविशील्ड और कोविक्सिन लगवा चुके लोगों को बूस्टर डोज के तौर पर Corbevax भी लगाई जा सकेगी। भारत में यह पहला मौका होगा जब अलग-अलग प्रकार की वैक्सीन लेने के बाद भी लोगों को दूसरे प्रकार का बूस्टर डोज लगाया जाएगा।
कोरोना से निपटने के लिए तीसरा डोज उसी वैक्सीन का लगता था जिसे पहले उसी व्यक्ति पर लगाया गया हो. जैसे आपको अगर पहला और दूसरा डोज कोविशील्ड का लगा था तो बूस्टर भी कोविशील्ड का लगता। लेकिन अब आप चाहें दोनों डोज कोविशील्ड के लगवाएं हो या फिर कोविक्सिन के, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। अब बूस्टर डोज के रूप में दूसरे प्रकार का टीका यानी Corbevax Vaccine लगाई जाएगी।
Corbevax Vaccine कब लगेगी
कॉर्बेवैक्स का बूस्टर डोज तभी लगेगा जब कोई व्यक्ति को कोविशील्ड या कोविक्सिन का दूसरा डोज लगवाए 26 हफ्ते या 6 महीने का समय बीत गया हो. इसे लेकर मौजूदा गाइडलाइन में संसोधन किया जाएगा।
अभी फ्री में लग रहा बूस्टर डोज
बता दें कि अबतक केंद्र सरकार ने 60 साल से अधिक उम्र के नागरिकों के लिए फ्री बूस्टर डोज की अनुमति दे थी. नतीजतन इस उम्र से कम वाले लोगों ने पैसे देकर डोज लगवाना गवारा नहीं समझा। जिसके बाद केंद्र सरकार ने 18+ सभी लोगों के लिए बूस्टर डोज फ्री कर दिया है. लेकिन वयस्कों को भी फ्री में बूस्टर डोज कुछ ही दिनों तक लगाया जाएगा।
कॉर्बेवैक्स ज्यादा इफेक्टिव है
बता दें कि कॉर्बेवैक्स वैक्सीन देश की पहली प्रोटीन सब्यूनिट वैक्सीन है, जो खतरनाक वेरिएंट डेल्टा के खिलाफ अन्य वैक्सीन से 80% असरदार है.