1 सितंबर से Google Play Store में बड़े बदलाव: गूगल हटाएगा हज़ारों लो-क्वालिटी ऐप्स, यूजर्स को मिलेगा सुरक्षित अनुभव
Google 1 सितंबर से Play Store पर मौजूद हजारों खराब गुणवत्ता वाले ऐप्स को हटाने जा रहा है। इससे यूजर्स को अधिक सुरक्षित और बेहतर अनुभव मिलेगा।
दिग्गज टेक कंपनी Google ने 1 सितंबर 2024 से अपनी पॉलिसी में बड़े बदलाव करने की घोषणा की है। यह बदलाव विशेष रूप से Google Play Store पर दिखाई देंगे। गूगल ने यह कदम यूजर्स को बेहतर अनुभव देने और स्पैम से निजात दिलाने के उद्देश्य से उठाया है। गूगल ने क्वालिटी कंट्रोल और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए प्ले स्टोर से हज़ारों लो-क्वालिटी ऐप्स को हटाने का फैसला किया है। यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि ऐसे ऐप्स न केवल यूजर्स के डिवाइस की सुरक्षा के लिए खतरा हैं, बल्कि उनकी व्यक्तिगत जानकारी की चोरी का भी स्रोत हो सकते हैं।
इन ऐप्स में अक्सर खराब क्वालिटी के बिल्ड और डिजाइन होते हैं, जो उन्हें मैलवेयर का स्रोत बना सकते हैं। इसके साथ ही, ये ऐप्स यूजर्स की व्यक्तिगत जानकारी, जैसे कि कॉन्टैक्ट्स, फोटो और ईमेल्स, को चुराने का जोखिम भी रखते हैं। इसलिए, गूगल ने ऐसे ऐप्स को अपने प्लेटफॉर्म से हटाने का फैसला किया है।
किस पर पड़ेगा असर
गूगल का यह कदम उन हज़ारों लो-क्वालिटी ऐप्स पर सीधा असर डालेगा, जो वर्तमान में Google Play Store पर उपलब्ध हैं और फ्री में प्रीमियम सर्विसेस ऑफर करते हैं। ये ऐप्स बदले में यूजर्स से उनकी संवेदनशील जानकारी का एक्सेस हासिल कर लेते हैं, जिससे हैकिंग की घटनाओं में वृद्धि हो सकती है। ऐसे ऐप्स की हटाई से दुनियाभर में एंड्रॉइड स्मार्टफोन यूजर्स प्रभावित हो सकते हैं।
गूगल ने यह भी स्पष्ट किया है कि नए प्रतिबंधों का उद्देश्य मेलवेयर वाले और थर्ड पार्टी ऐप्स को रोकना है। इससे APK को थर्ड पार्टी स्टोर्स पर अपलोड करने से रोकने में मदद मिलेगी, जिससे यूजर्स की सुरक्षा और भी मजबूत हो सकेगी।
गूगल के एक्शन के पीछे की वजह
पिछले कुछ समय से Google Play Store पर उपलब्ध ऐप्स के माध्यम से फ्रॉड की खबरें सामने आ रही थीं। इनमें से एक मामला तब सामने आया जब एक क्रिप्टो ऐप डाउनलोड करने पर फ्रॉड की घटना रिपोर्ट की गई। इस तरह की घटनाओं के बाद गूगल ने सख्त कदम उठाने का फैसला किया और अपनी पॉलिसी में बदलाव किए। हालाँकि, गूगल पहले भी कई ऐप्स को हटा चुका है, लेकिन इस बार पॉलिसी में बदलाव करके बड़े पैमाने पर ऐप्स को हटाने का निर्णय लिया गया है।