शहडोल में मानव तस्करी: पुलिस ने 19 बच्चे मुक्त कराए, बस की सीट के नीचे छिपाकर बेचने ले जा रहें थें तस्कर

भविष्य बेहतर बनाने की बात कहकर एक बस से बच्चों को ले जा रहे तस्करों का पुलिस ने भंडाफोड़ कर दिया है।;

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Update: 2021-08-28 09:45 GMT
शहडोल में मानव तस्करी: पुलिस ने 19 बच्चे मुक्त कराए, बस की सीट के नीचे छिपाकर बेचने ले जा रहें थें तस्कर
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मध्य प्रदेश के शहडोल पुलिस (Shahdol Police) ने मानव तस्करी (human trafficking) के अंतर्राज्यीय गिरोह (interstate gang) का पर्दाफाश किया है। तीन लोगो को गिरफ्तार करके उनके कब्जे से 19 बच्चों को मुक्त कराया है। इन सभी बच्चों को एक बस में सीट के नीचे छिपाकर बेंचने के लिए ले जाया जा रहा था. 

पुलिस कार्रवाई का खुलासा करते हुए एडीजी जी जनार्दन ने बताया कि पकड़े गये तस्कर 19 बच्चों को उत्तर प्रदेश ले जाने की तैयारी में थे। जहां वे सभी बच्चों को गन्ना उत्पादकों को बेंचने की योजना में थे। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।

बच्चो की नही हो पाती घर वापसी

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक गिरोह के सदस्य नाबालिग बच्चों को उत्तर प्रदेश में गन्ना उत्पादकों को बेच देते है। जहां गन्ना उत्पादक उनसे खेतों में काम कर वाते है। ऐसे बच्चों की घर वापसी नहीं हो पाती।

बेहतर भविष्य का दिखाते है सपना

दरअसल पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि उत्तर प्रदेश के मेरठ और हापुड़ से कुछ लोग आये है और वे क्षेत्र में घूम रहे है। गिरोह के सदस्य दूरस्थ गांवों में जाकर गरीब नाबालिग बच्चों को अपने एजेंट के माध्यम से इकट्ठा कर रहे थे। मुखबिर की सूचना के आधार पर पुलिस आरोपियों के प्रत्येक मूवमेंट पर नजर रख रही थी। उनकी लगातार ट्रैकिंग की जा रही थी। जब पुलिस को यह जानकारी मिली कि गिरोह के लोग अब बच्चों को लेकर रवाना हो रहे है तो पुलिस घेराबंदी कर उन्हें दबोच ली।

सीट के नीचे छिपा कर रखे थें बच्चे

तस्कर गिरोह के लोग नाबालिग 18 लड़के और एक लड़की को बस में छिपा कर रखे थें। सीटों के ऊपर दूसरे मजदूर बैठे हुए थे जिससे पुलिस को यह लगे कि बस में मजदूर हैं।

इनकी हुई गिरफ्तारी

पुलिस ने मानव तस्करी मामले में बस को जब्त कर, बस के ड्राइवर सोनू शर्मा, सूरज चंद और एजेंट शकील अहमद को गिरफ्तार कर लिया है। सभी आरोपी उत्तर प्रदेश के हैं। सभी के खिलाफ मानव तस्करी और पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर लिया गया है।

मानव तस्करी करने वाले गिरोह नाबालिग बच्चों को बेहतर जिंदगी और खानपान का लालच देकर अपने साथ ले जाता था। बच्चों को उत्तर प्रदेश में गन्ने के खेतों पर काम करने के लिए बेच देता था।

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