अजब कोरोना की गजब रिपोर्ट: सुबह सतना में पॉजिटिव रात में लखनऊ में नेगेटिव..
सतना (विपिन तिवारी) : कोरोना वायरस covid 19 तो अजब है ही अब इसका पता लगाने के लिए हो रही जांचे भी ऐसे गजब के परिणाम दिखा रही हैं कि सही – गलत का अंतर कर पाना भी मुश्किल हो रहा है। लोग यह नही समझ पा रहे हैं कि आखिर वो करें तो क्या करें ,खुद को संक्रमित माने या न मानें । जो सुबह संक्रमित पाया जा रहा है वह शाम को नेगेटिव निकल जाए तो बात हैरानी और असमंजस की ही है। इस असमंजस के बीच सवाल कोरोना की जांच और उनकी रिपोर्ट्स पर भी स्वाभाविक तौर पर उठ रहे हैं।
कुछ ही घंटों में नेगेटिव हो गई पॉजिटिव रिपोर्ट, जांच पर उठे सवाल ,कौन सही – कौन गलतसतना में सोमवार को आई जांच रिपोर्ट्स सोमवार को ही रात होने तक सवालों से घिर गई है। जिसे सुबह आई रिपोर्ट में परिवार के चार सदस्यों समेत कोरोना पॉजिटिव पाया गया था वह कुछ घंटे बाद ही रात में हुई जांच में नेगेटिव निकल आया । वह अकेला ही नही उसके परिवार के कई अन्य सदस्यों की भी जांच रिपोर्ट नेगेटिव निकल आई है। अब असमंजस इस बात का है कि सुबह की रिपोर्ट को सही माना जाये या फिर रात की?
संतोष चतुर्वेदी ने लखनऊ में जांच में कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद खुद सोशल मीडिया पर अपनी रिपोर्ट के साथ अपना संदेश शेयर किया।
जैतवारा के एक परिवार के 4 सदस्य बताये गए थे पॉजिटिवयद्यपि नेताओ,अफसरों और दौलतमंदों को छोड़ कर कोरोना पॉजिटिव पाए जाने वाले लोगों के नाम लिखने और उनकी पहचान उजागर करने पर मध्य प्रदेश सरकार ने पाबंदी लगा रखी है। लेकिन अब जब पॉजिटिव बताये गए शख्स की रिपोर्ट कुछ ही घंटों में नेगेटिव भी आ गई है तो यहां उसके नाम का उल्लेख करना अनुचित नही प्रतीत होता। बता दें कि जैतवारा के संत टोला निवासी चतुर्वेदी परिवार के मुखिया संतोष चतुर्वेदी और उनकी पत्नी ,बहू तथा नाती को 17 अगस्त सोमवार की सुबह आई जांच रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव दर्शाया गया था। जांच रिपोर्ट की जानकारी मिलते ही संतोष अपने परिवार के सदस्यों समेत जैतवारा से लखनऊ रवाना हो गए ।
शाम को लखनऊ में जांच कराई तो रिपोर्ट नेगेटिव आईसंतोष चतुर्वेदी ने बताया कि लखनऊ में सोमवार को उन्होंने विवेकानंद हॉस्पिटल में अपनी कोरोना जांच कराई। जो रिपोर्ट आई उसने संतोष को भी हैरान कर दिया। क्योंकि कुछ घंटे पहले तक कोरोना पॉजिटिव रहे संतोष लखनऊ पहुंचते ही कोरोना नेगेटिव हो गए थे। सुबह सतना जिला प्रशासन द्वारा मोबाइल यूनिट भेज कर कराई गई जांच की रिपोर्ट में पॉजिटिव शब्द के उल्लेख ने उन्हें डरा – सहमा दिया था लेकिन लखनऊ के विवेकानंद हॉस्पिटल में हुई जांच की रिपोर्ट ने उनकी आंखों में खुशी भरी चमक लौटा दी थी। इतना ही नही उनके छोटे बेटे की भी रिपोर्ट लखनऊ में नेगेटिव आ गई। सतना में वह भी पॉजिटिव बताया गया था जिसके बाद अपने बड़े भाई के साथ वह रीवा आइसोलेशन में चला गया था।
चतुर्वेदी ने बताया कि हालांकि वे असमंजस में थे और सतना की रिपोर्ट को लेकर दिल – दिमाग मे घर कर गए अपने असमंजस का जिक्र उन्होंने लखनऊ में डॉक्टर्स से भी किया लेकिन डॉक्टर्स ने उन्हें आश्वस्त किया कि उन्हें कोरोना नही है। अब बड़ा सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि कुछ ही घंटों में इंसानी शरीर के अंदर कोरोना वायरस का प्रभाव पॉजिटिव से नेगेटिव हो गया । गड़बड़ी कहां है ? सतना में हुई जांच की रिपोर्ट सही है या लखनऊ में हुई जांच के नतीजे सच हैं ?वैसे यहां यह भी उल्लेख करना आवश्यक है कि जिस लैब की रिपोर्ट में चतुर्वेदी परिवार के 4 सदस्यों को पॉजिटिव बताया गया था उस इंदौर के साउथ तुकोगंज के उस सुपरटेक माइक्रो पैथ लेबोरेटरी एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट की जांच रिपोर्ट सोमवार के पहली बार ही सतना में देखी गई है। यह लैब सतना के सेम्पलों की जांच कैसे कर रहा है और इसके नतीजे कितने सटीक हैं यह तो स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार ही बता सकेंगे लेकिन इस लैब की पहली ही रिपोर्ट ने सतना में हुई जांचों पर सवाल उठा दिए हैं।