रीवा: मेडिकल डीन डॉ मनोज इंदुलकर को पद से हटाने के निर्देश, पेंशनर को बेवजह परेशान करने पर DME ने की कार्रवाई
रीवा मेडिकल कॉलेज डीन डॉ मनोज इंदुलकर को पद से हटाने के निर्देश दिए गए हैं।
Dr Manoj Indulkar Rewa News: श्यामशाह मेडिकल कॉलेज रीवा (Shyamshah Medical College Rewa) के डीन डॉ मनोज इंदुलकर (Dr Manoj Indulkar) को पद से हटा दिया गया है। साथ ही डॉ मनोज इंदुलकर की दो वेतनवृद्धि रोकने संबंधी आदेश भी चिकित्सा शिक्षा विभाग भोपाल द्वारा दिया गया है। डीएमई के आदेश के अनुसार अब मेडिकल डीन की जिम्मेदारी डॉ देवेश सारस्वत (Dr Devesh Saraswat) को सौंपी गई है।
पेंशनर को बेवजह परेशान करना पड़ा मंहगा
बताया गया है कि मेडिकल कॉलेज में पदस्थ रहे लेखापाल बीके शुक्ला को बेवजह परेशान करने के कारण डीएमई द्वारा ऐसा किया गया है। बीके शुक्ला की माने तो 31 जुलाई 2021 को वह लेखापाल के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। कॉलेज की तरफ से ट्रेजरी में भेजे गए एक पत्र में यह कहा गया कि मेरे खिलाफ जांच कार्रवाई प्रचलन में है। विभाग द्वारा भेजे गए इस पत्र के कारण मुझे पेंशन का लाभ मिला ही नहीं। जबकि मेरे खिलाफ कोई जांच कार्रवाई प्रचलन में है ही नहीं। इसके अलावा मेरे सेवानित्त होने के दो माह के बाद डीन द्वारा विभागीय जांच शुरू करवा दी गई।
डीएमई और शासन से शिकायत
फरियादी ने बताया कि डीन की गलत कार्यप्रणाली के कारण मुझे काफी परेशान होना पड़ा। परेशान होकर अंत में मैने इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा विभाग और शासन से शिकायत की। मेरी शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच की गई। जांच में पाया गया है कि मेरे खिलाफ डीन द्वारा विभागीय जांच सहित की गई अन्य कार्रवाई बेबुनियाद है। केवल मुझे परेशान करने के लिए डीन द्वारा ऐसा किया गया है। इस प्रकार डीएमई द्वारा मेरे पक्ष में फैसला लेते हुए डीन डॉ मनोज इंदुलकर को पद से हटाते हुए दो वेतनवृद्धि रोकने का आदेश दिया गया है।
सिविल सेवा का उल्लंघन
डीएमई के उपसचिव केके दुबे ने अपने आदेश में यह भी कहा कि डॉ मनोज इंदुलकर अधिष्ठाता चिकित्सा शिक्षा महाविद्यालय रीवा द्वारा अपने कार्य क्षेत्राधिककार से बाहर जाकर मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम 1978 का उल्लंघन कर बीके शुक्ला सेवानिवृत्त लेखापाल के विरूद्ध आरोप पत्रादि जारी किए है। जो कि नियमों का उल्लंघन है।