रीवा में प्राचार्य की लापरवाही से बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं हो पाई छात्रा, फीस देने के बाद भी नहीं भरवाया गया था फार्म

रीवा जिले के शासकीय मॉडल उच्चतर माध्यमिक जवा का मामला, फीस देने के बाद भी प्राचार्य ने नहीं भरवाया फार्म।

Update: 2024-02-06 04:23 GMT

रीवा। मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षा में अब आरोप-प्रत्यारोप भी छात्र व उनके परिजनों द्वारा लगाने शुरू कर दिये। कोई परीक्षा से वंचित हो - रहा है तो कोई केन्द्र में समय पर उपस्थित नहीं हो पाया। जिसकी वजह से कई छात्र परीक्षा से वंचित रह गए।

ऐसी मामला शासकीय मॉडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जवा का प्रकाश में आया है। जहां प्राचार्य की लापरवाही से छात्रा परीक्षा देने से वंचित रह गई है। उसका साल बर्बाद हो गया। वहीं DEO भी सही जवाब नहीं दे पा रहे हैं। जवा मामला सितलहा संकुल अंतर्गत शासकीय माडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ममेड़ी जवा से सामने आया है जहां पर विद्यालय के प्राचार्य पीके द्विवेदी के घोर लापरवाही के वजह से कक्षा 10वी की छात्रा आंचल सिंह पिता मुनेश सिंह परीक्षा से वंचित रह गयी। जिसकी शिकायत पर जिला शिक्षा अधिकारी गंगा प्रसाद उपाध्याय पहुंचे और सवालों के जवाब में गोलमोल जाबाव देते नजर आए। आपको बता दे कि शिक्षा अधिकारी ने अपने चहेते प्राचार्य पीके द्विवेदी को दो जगह का प्रभार दे रखा था।

जिसकी मनमानी एवं तानाशाही की कई बार डीईओ से शिकायत की गयी थी। बावजूद इसके जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कभी ध्यान नहीं दिया गया। जिसका नतीजा सामने है एक बच्ची का साल खराब हो गया है।

बताया जाता है कि छात्रा ने प्राचार्य केपी द्विवेदी को परीक्षा फीस दी परंतु उनके द्वारा फार्म नही भरा गया। वही छात्रा परीक्षा न दे पाने के वजह से रोड पर चल रहे वाहनों के सामने कूदने की कोशिश की थी जिसे मौजूद ग्रामीणों द्वारा बचाया गया तथा छात्रा आंचल का कहना था कि यदि परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया तो आत्महत्या कर लूंगी। सवाल यही की छात्रा का साल खराब होने में जिम्मेदार कौन क्या दो-दो विद्यालय के प्राचार्य पर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा सख्त कार्यवाही होगी या यूं ही मामला भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ जाएगा।

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